BIG BREAKING : कई दिग्गजों ने केंद्र से की यह मांग, किसानों को मिला विपक्ष का समर्थन, पढ़े खबर
नई दिल्ली l केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का धरना-प्रदर्शन विकराल रूप लेता जा रहा है. कई राज्यों से राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. प्रशासन ने किसानों को बुराड़ी स्थित निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी है, लेकिन किसानों का एक गुट इस बात पर अड़ा है कि सरकार का कोई नुमाइंदा बॉर्डर पर उनसे बात करे. इन सबके बीच सरकार के लिए चिंता की बात यह है कि आंदोलनरत किसानों की भीड़ बढ़ती ही जा रही है. इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के टीआर बालू और सीपीआई-एम के सीताराम येचुरी सहित कई विपक्षी नेताओं ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बयान जारी किया है. बयान के माध्यम से विरोध प्रदर्शन के लिए एक बड़े ग्राउंड की मांग की गई है. नेताओं का कहना है कि जिस ग्राउंड में प्रदर्शन की इजाजत दी गई है, वह दिल्ली पहुंच रहे किसानों के हिसाब से बहुत छोटा है l
सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद, दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित
केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सिंघू और टिकरी बॉर्डर बंद कर दिये जाने से शनिवार को दिल्ली में अहम मार्गों पर यातायात प्रभावित रहा. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि आजादपुर और बाहरी रिंगरोड से सिंघू बार्डर के लिए यातायात की अनुमति नहीं है. उसने ट्वीट किया 'टिकरी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है. हरियाणा जाने के लिए झड़ौदा, दौराला, झटीकरा, बदुसारी, कापसहेड़ा, राजोकड़ी एनएच 8, बिजवासन/बाजघेरा, पालम विहार और डौंडाहेरा बॉर्डर खुले हैं.' यातायात पुलिस ने कहा कि सिंघू बॉर्डर अब भी दोनों ओर से बंद है l
उसने कहा, 'कृपया, वैकल्पिक मार्ग लें. मुकरबा चौक और जीटीके से यातायात का मार्ग बदल दिया गया है. बहुत अधिक यातायात है. कृपया सिग्नेजर ब्रिज से रोहिणी और इसी मार्ग पर वापसी के रास्ते, जीटीके रोड, एनएच 44 एवं सिंघू बॉर्डर से परहेज करें.' संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) मीनू चौधरी ने कहा, 'हम यात्रियों से सिंघू बॉर्डर एवं टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक, एनएच 44, जीटी करनाल रोड और बाहरी रिंगरोड की ओर यात्रा करने से परहेज करने की अपील करते हैं.' उन्होंने कहा कि शनिवार को कार्यालय जाने वाले अधिकतर लोगों के लिए छुट्टी का दिन होने के कारण शुक्रवार की तुलना में अन्य हिस्सों में यातायात बेहतर रहा l
शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए ढांसा, झड़ौदा कलां, टिकरी, गुरूग्राम और चिल्ला समेत कई स्थानों पर यातायात पर रोक लगा दी थी. बाहरी रिंगरोड के कुछ खंड, मुकरबा चौक, जी टी करनाल रोड, एनएच 44 भी बंद थे. इन पाबंदियों के चलते अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई और यात्री भ्रम में पड़ गये थे. वे घंटों जाम में फंस गये थे. जब पुलिस ने किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति दी तब स्थिति संभली l
तीस से अधिक किसान संगठनों से संबद्ध किसानों ने लालरू, शंभू, पटियाला- पहोवा, पाटरन-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा जैसे विभिन्न मार्गों से 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था. ये किसान मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार नये कृषि कानून निरस्त करे और उनके स्थान पर संबंधित पक्षों से चर्चा कर नये कानून बनाए l