NEWS : सुभाष सेना ने मनाया सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन, आयोजित कार्यक्रम में बोले ये बोल, पढ़े खबर
नीमच। देश की आजादी में सुभाष चंद्र बोस के संघर्ष एवं त्याग का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। युवा वर्ग उनके जीवन चरित्र से आदर्श प्रेरणा ले और अपने जीवन को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ें । यदि युवा वर्ग सुभाष चंद्र बोस एवं स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र को पढ़ें तो वह कभी निराश नहीं होगा वह सदैव जोश में रहेगा ।हमें सुविधाओं का त्याग कर अभाव में जीवन जीना होगा तभी आजादी का सही उपयोग हो सकता है। यह बात न्यायाधीश संजय कुमार जैन ने कही ।वे भारतीय सुभाष सेना द्वारा शनिवार सुबह 12 बजे फवारा चौक स्थित सुभाष वाटिका उद्यान मे सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस संगठन त्याग कर फारवर्ड ब्लाक की स्थापना की ।और जापान बर्मा इटली जर्मन आदि देशों की यात्रा कर आजादी की राह दी है।
कलेक्टर नायर ने कहा कि भारत सरकार ने सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है ।बीसवीं सदी में महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस दो ही आदर्श नेता रहे है। दिव्य विश्वयुद्ध में अंग्रेज कमजोर हो गए थे ।इतिहासकार डॉ सुरेंद्र सिंह शक्तावत ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस का सपना अखंड भारत की आजादी था। लेकिन भारत देश राजनीति का शिकार हुआ ।और खंडित भारत को आजादी मिली वीर सावरकर ने इसे स्वीकार नहीं किया था। युवा वर्ग में चेतना महावीर बुद्ध चंद्रशेखर आजाद सुभाष चंद्र बोस के रूप में फुटती है।कवियत्री प्रेरणा ठाकरे ने कहा कि आजादी अहिंसा से नहीं संघर्षों से मिली है सुभाष चंद्र बोस ने कलेक्टर की नौकरी छोड़कर देश की आजादी का संकल्प लिया था युवा वर्ग उनसे प्रेरणा लें और खुद को साबित करें उन्होंने प्रशासन के तंत्र मैं नौकरी करना त्याग कर आजादी की क्रांति का मंत्र आत्मसात करना स्वीकार किया ।जो आज भी प्रासंगिक है। आज हर युवा में सुभाष चंद्र के बॉस के विचारो के रक्त का प्रवाह होना चाहिए। कोरोना काल में सोनू सूद ने सैकड़ों मजदूरों को अपने घर वापस पहुंचाया। हम इंसान को इंसान से जुड़ेंगे तो भारत देश अपने आप संगठित होकर जुड़ेगा। श्रीमती ठाकरे ने संग्राम यह घनघोर है कुछ में लडू कुछ तुम लड़ो...... काव्य रचना प्रस्तुत की। संस्था संरक्षक नवीन अग्रवाल ने कहा कि मालवा की लाल माटी क्रांतिकारियों की कर्मभूमि रही है इसलिए यहां पर क्रांतिकारियों की प्रतिमाएं लगने का सपना भारतीय सुभाष सेना का रहा है इसी क्रम में सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमाएं स्थापित हुई और शीघ्र ही पारसी बावड़ी पर सुखदेव राजगुरु भगत सिंह की प्रतिमाएं भी स्थापित होगी और अन्य महान क्रांतिकारीयो की प्रतिमाएं भी स्थापित करने का लक्ष्य संस्था का रहेगा। सुभाष वाटिका के निर्माण में मजदूर से लेकर मिल मालिक तक सभी वर्गों का महत्वपूर्ण योगदान है आजादी की लड़ाई में शहीद होने वाले युवाओं को युवा वर्ग भूल रहा है चिंता का विषय है सुभाष वाटिका में सुभाष चंद्र बोस के स्लोगन के चित्र स्टेचू प्रदर्शित किए जाएंगे जिला प्रशासन का सहयोग समय-समय पर मिलता रहे तो वाटिका का विकास और अधिक होगा। स्वागत भाषण जिला अध्यक्ष बाबूलाल मेहता ने दिया ।
इस अवसर पर एस डी एम एस एन शाक्य भारतीय सुभाष सेना के प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश चंद्र गोयल कुंडला वाला ,ज्ञान प्रकाश बंसल मधुसूदन परवाल श्रीमती राजिंदर कौर भी मंचासीन थे। कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया इससे पूर्व जिला कलेक्टर जितेंद्र सिंह राजे द्वारा सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया जिला कलेक्टर माल्यार्पण के बाद आवश्यक कार्य के लिए वापस प्रस्थान कर गए। कार्यक्रम के प्रारंभ मे मधु शर्मा एवं रंजना उपाध्याय द्वारा मां सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई ।अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर लोकेंद्र सिंह परिहार संगीता जारोली रितु नागदा डॉक्टर महिपाल सिंह डॉक्टर एचएन गुप्त डॉ राकेश वर्मा नारायण सोमानी जावद खुशबू पाटीदार किशोर बागड़ी पूर्व पार्षद साबिर मसूदी लक्ष्मीनारायण तोतला बाबूलाल गौड सत्यनारायण तोतला जगदीश चंद्र शर्मा सुरेश शर्मा बालकृष्ण भारती आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती हेमलता धाकड़ ने किया तथा आभार सचिव अनिल जैन ने माना और समापन राष्ट्रगान से हुआ।