BIG NEWS : नेताओं के दलित प्रेम पर साधा निशाना, मंत्री किसी गरीब के घर पर रोटी खाता तो बड़े बड़े फोटो क्यों छपते हैं,? आखिर ये दिखावा किसलिए?,पढ़े खबर
भोपाल । नेताओं के दलित प्रेम पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। खास बात ये है कि ये सवाल विपक्ष नहीं सरकार की सहयोगी पार्टी बीएसपी की विधायक उठा रहीं है। बीएसपी विधायक रामबाई ने एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मौजूद लोगों से कहा कि हम एससी समाज से पूछ रहे हैं कि जो नेता आपके घर खाना खाने आते हैं, शादी ब्याह में आते हैं वे क्या आपको दिल से अपनाते हैं? भीड़ में से जोर से आवाज आई… नहीं। विधायक रामबाई ने सवाल किया कि यदि ह्रदय से अपनाना नहीं है तो फिर ये दिखावा क्यों?
भोपाल से लेकर दिल्ली तक हो बीएसपी की सरकार
अपने बयानों और तेज तर्रार शैली के लिए चर्चाओं में बनी रहने वाली बीएसपी की विधायक रामबाई इस बार उन नेताओं को निशाने पर लिया है जो दलितों के घर खाना खाने जाते हैं। अपने विधानसभा क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में विधायक रामबाई ने कहा कि हम आशा करते हैं कि आप सब लोग मोतियों की तरह एक धागे में पिरे रहें आप पर कोई आंच नहीं आये अपने हक़ के लिए आप सदा लड़ते रहें। कोई दिक्कत हो तो संगठित होकर ही हम उसका हल निकाल सकते हैं। और इसका हल तभी निकलेगा जब आपका खुद का विधायक हो, सरपंच हो, जिला पंचायत सदस्य हो एमपी से लेकर दिल्ली तक बीएसपी की सरकार हो तो जो बचे खुचे अत्याचार रह गए हैं वो भी नही होंगे।
खाना खाने वाले नेताओं को लिया निशाने पर
विधायक रामबाईने कहा कि आज नेता तुम्हारे घर खाना खाने आते हैं, सबकुछ करते हैं लेकिन आज हम यहाँ बैठे एससी समाज के लोगों से पूछ रहे हैं कि क्या वास्तव में ये लोग दिल से अपनाते हैं? भीड़ से आवाज आई नहीं। .. कोई नहीं अपनाता। उन्होंने कहा कि यदि दलित समाज का व्यक्ति ऊँचे पद पर है तो सभी समाज के व्यक्ति उसके पैर छूते हैं और यदि उसी समाज के व्यक्ति के पास कुछ नहीं है तो उसे नजरअंदाज कर निकल जाते हैं उसे छूते तक नहीं हैं। लेकिन इसका कारण कोई और नहीं है आप खुद हो। क्योंकि जब तक आप अपने जनप्रतिनिधि चुनकर नहीं भेजोगे आपके हक़ की लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती। रामबाई कहा कि रोटी, पानी, शादी, ब्याह में जो भी नेता जाते हैं यदि वो आपको ह्रदय से मानता है तो उसे आपके घर रोटी खाने की क्या जरुरत है? क्यों दिखावा कर रहें हैं? उन्होंने कहा कि कोई नेता, मंत्री किसी गरीब के घर पर रोटी खाता है तो बड़े बड़े फोटो क्यों छपते हैं? ख़बरें छपती हैं कि गरीब के घर जमीन पर बैठकर फलाने ने खाना खाया। जब किसी बड़े के घर जाते हैं तो नहीं बताया जाता, फोटो नहीं छपते। एससी समाज के घर खाना खाने पर ही टीवी में ख़बरें क्यों चलती हैं? क्योंकि तुम्हारे ह्रदय में भेदभाव है, तुम छुआछूत मानते हो इसलिए दिखावा कर रहे हो।
तांडव फिल्म का दिया उदाहरण
विधायक रामबाई ने कहा कि हमने तांडव फिल्म देखी है उसमें नेता जी अपने साथ गंगाजल लेकर चलते हैं जब वे एससी समाज के घर जाते थे तो लौटकर गाड़ी में बैठकर गंगाजल पी लेते है, अपने ऊपर गंगाजल छिड़क लेते। ये फिल्म में दिखाया गया है, हम उसी की बात कर रहे हैं अब हकीकत में क्या करते हैं नेता भगवान जाने। और सच्चाई भी यही है जब तक आदमी ह्रदय से स्वीकार नहीं करे तब तक ना रोटी फर्क पड़ने वाला है ना पानी से।