BIG NEWS : नीमच की कृषि उपज मंडी में लाल गुलाब गैंग का आतंक, किसान के ढेर से फिर उड़ाई तीन बोरी सोयाबीन, भनक लगते ही मौके पर पहुंचे सुरक्षा गार्ड, अन्नदाताओं ने जिम्मेदारों पर लगाया मिलीभगत का आरोप, पढ़े महेंद्र अहीर की खबर
नीमच। शहर की कृषि उपज मंडी में लाल गुलाब गैंग फिर से सक्रिय हो गई है। इस गैंग के सदस्य प्रतिदिन किसानों के माल की हेरा-फेरी कर रहे हैं। गत दिनों भी मंडी के सुरक्षा गार्डों ने चोरी की उपज के साथ इस गैंग के दो हम्मालों को रंगे हाथ पकड़ा था। आज सोमवार को भी इस गैंग के सदस्यों ने किसान के ढेर में से तीन बोरी सोयाबीन को अलग कर दिया। लेकिन पड़ोसी किसान की सर्तकता से गैंग के हम्माल उपज ले जाने में असफल रहे और खुद मौका पाते ही रफू चक्कर हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान की बड़ी सादड़ी के ग्राम जाटों का खेड़ा से सोमवार को किसान अनिल सोयाबीन लेकर मंडी पहुंचा था। जहां किसान ने नीलामी के लिए उपज का ढेर लगाया था। इसी दौरान तौल की प्रक्रिया के बीच लाल गुलाब गैंग के हम्मालों से किसान को भ्रमित किया और बारदान लाने के लिए भेज दिया। इसी बीच गैंग के अन्य साथियों ने उक्त ढेर में से तीन बोरी अलग निकाल ली और उसे पानी की टंकी के पास रख दी। जब किसान पुनः ढेर पर पहुंचा तो पड़ोसी ढेर के किसान ने उसे समूचे घटनाक्रम से अवगत कराया। इस दौरान मौका पाते ही लाल गुलाब गैंग के सक्रिय सदस्य वहां से रफू चक्कर हो गए। जानकारी मिलते ही मंडी के सुरक्षा गार्ड गणपत गुर्जर, शांतिलाल गुर्जर व अन्य मौके पर पहुंचे और मंडी इंस्पेक्टर समीरदास को अवगत कराया। मंडी इंस्पेक्टर ने उपज को जब्ती में लेकर लाल गुलाब गैंग के सक्रिय सदस्यों को पकड़ने के निर्देश जारी किए। साथ ही मंडी सचिव को भी जानकारी दी।
किसानों ने लगाया मंडी सचिव व इंस्पेक्टर पर बड़ा आरोप-
मंडी में आए दिन हो रही उपज चोरी की घटना से परेशान किसानों ने मंडी सचिव सतीश पटेल व मंडी इंस्पेक्टर समीरदास सहित तमाम जिम्मेदारों पर आरोप लगाया है कि इनकी मिलीभगत से ही मंडी में लाल गुलाब गैंग की सक्रियता दिखाई देने लगी है। यदि लाल गुलाब गैंग के हम्मालों पर कार्रवाई हो तो मंडी में उपज चोरी की घटना पर अंकुश लग सकता है। बावजूद मंडी प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करता है। इसके अतिरिक्त प्रतिबंध के बाद भी मंडी में आढ़त प्रथा धड़ल्ले से चल रही है। इस ओर भी जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। किसानों की इस परेशानी को देख वॉईस ऑफ एमपी लगातार आवाज उठा रहा है। लेकिन मंडी सचिव और मंडी प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगती।