केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की मध्य प्रदेश इकाई ने अपनी धमाकेदार कार्रवाइयों से तीन बड़े काम किये एक तो बहुत बड़ी हकीकत से पर्दा उठाते हुए यह साबित कर दिया की अफीम उत्पादक मालवा - मेवाड़ में अफीम की वैध खेती करने वाला अफीम किसान बेकसूर है दुसरा देश देश की सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए और मालवा - मेवाड़ में अब तक कैरियर्स को पकड़ कर एजेंसिया जो वाहवाही लूट रही थी उन्हें बेनकाब कर दिया
सीबीएन की एमपी सेल के मुखिया जब से आईआरएस डॉ संजय कुमार बने है तब से एनडीपीएस एक्ट के सही मायने आम आदमी की समझ में आये है इससे पहले यहाँ की एजेंसिया गरीब-गुरबे, छोटे-मोटे कैरियर को पकड़ कर खुद को महिमा मंडित करती रही है वही एनडीपीएस एक्ट के नाम पर जो चांदी मालवा - मेवाड़ में एजेंसियों ने काटी वो किसी से छुपा नहीं है और इस चांदी की कटाई में खुद नारकोटिक्स विभाग और अफीम फैक्ट्री के लोग भी शामिल होते थे बकायदा तय कार्यकर्म के तहत एनडीपीएस के प्रकरण बनते थे और एकाध कैरियर को पकड़ कर पहले तो खूब वाहवाही लूटी जाती थी उसके बाद एक लम्बी सूचि बनाकर जमकर वसूली होती थी अफीम किसानो को पट्टा वितरण के नाम पर तो खेत की नपाई के नाम पर या फिर गाढ़ता परिक्षण के नाम पर जमकर डराया जाता रहा
लेकिन आईआरएस डॉ संजय कुमार की पोस्टिंग के बाद इस पूरी कवायद पर जैसे विराम लग गया संजय सर ने अपनी पोस्टिंग के बाद जिनकार्रवाहियो को अंजाम दिया उससे देश की सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़े हुए है क्योकि सबसे पहले संजय सर ने अरुणाचल प्रदेश में साढ़े चौदह हज़ार बीघा में लगी अफीम की अवैध खेती तलाशी और यह बताया की देश के उन राज्यों में अफीम की अवैध खेती बड़े पैमाने पर हो रही है जहाँ वैध खेती के लाइसेंस दिए ही नहीं जाते और न ही वहाँ सीबीएन की इकाई है और तो और इन राज्यों की पुलिस को यह भी पता नहीं की एनडीपीएस नाम का कोई एक्ट भी होता है और वहाँ बिना डर दबाव के अफीम की अवैध खेती की जा रही है
इसके अलावा हाल ही में पिछले दस दिनों में 100 - 100 किलो से अधिक की कन्साइंटमेंट को जप्त कर आईआरएस संजय कुमार ने देश की अन्य एजेंसियों को बता दिया की नार्थ - ईस्ट से रुट होकर अवैध अफीम देश के अन्य राज्यों में पहुंचाई जा रही है भारत में इतने बड़े पैमाने पर अफीम की अवैध खेती होना और खुले तौर पर उसकी बिक्री बताता है की देश में तस्कर सरगनाओं का बड़ा नेटवर्क तैयार हो चुका है और अब तक ये तमाम एजेंसिया मालवा - मेवाड़ में खुद को फोकस किये हुए थी और अपना सारा ध्यान अफीम की वैध खेती वाले मालवा मेवाड़ पर लगाए हुए थी साथ ही इन अंचलो की पुलिस भी मामूली सीज़र कर के कैरियर को अंतराष्ट्रीय सरगना बताती रही
सीबीएन की एमपी सेल के उपायुकत ने अपनी कार्रवाहियो से यह भी साबित कर दिया की देश के अन्य राज्यों में होने वाली अफीम की अवैध खेती के सामने देश में होने वाली वैध अफीम की खेती ऊंट के मुंह में जीरा है और अफीम का जो लीकेजिंग वैध खेती वाले मालवा - मेवाड़ से होता है वो बेहद ही मामूली है यहाँ अधिकाँश किसान महज अपनी आन-बान और शान के लिए अफीम का पट्टा लेते है क्योकि जाहिर सी बात है जब नार्थ ईस्ट से क्विंटलों में अफीम बिकने आ रही है और मालवा - मेवाड़ में कभी इतनी बड़ी खेप स्थानीय स्तर पर नहीं पकड़ी गयी
कुलमिलाकर आईआरएस संजय कुमार ने उनकी पुरानी शोहरत के अनुसार एक बड़े कारनामे को एमपी में भी अंजाम दिया गौरतलब है की आईआरएस कुमार पूर्व में जिन विभागों में पदस्थ रहे वहाँ भी उन्होंने कीर्तिमान बनाये है चाहे वो ईडी, कस्टम या डीआरआई जैसे विभाग क्यों न हो