एमपी में चुनाव की अंदर खाने रणभेरी बज चुकी है बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रमुख विपक्षी दल चुनाव की चौसर बिछाने में लगे है वही तीसरा ताकतवर पक्ष आदिवासी युवा संग़ठन शक्ति (जयस) दिखाई देता है लेकिन वर्तमान हालातो से यह तो साफ़ जाहिर होता है की आगामी चुनाव एमपी में हिंदुत्व के मुद्दे के आसरे लड़ा जाएगा इस मुद्दे पर स्टेटजी सभी की अलग अलग हो सकती है
बीजेपी की बात करे तो यूपी चुनाव के बाद से सीएम शिवराज हिंदुत्व के नए अवतार में दिखाई दे रहे है लेकिन यह मुद्दा उनके राजनैतिक मन मूड पर मैच नहीं खाता क्योकि वे सालो से अटल बिहारी वाजपेयी की लाईन को फॉलो करते आ रहे है इसी के चलते उनके मुंह से बोली गयी हिंदुत्व की बाते वैसा असर छोड़ नहीं पाती जैसा असर मोदी और योगी के मुंह से निकली हुयी बाते छोड़ती है
यूपी चुनाव के बाद खरगोन दंगो में सीएम शिवराज ने बुलडोज़र भेज के अपने इरादे जाहिर कर दिए थे, उसके बाद सीएम शिवराज ने महाकाल प्रोजेक्ट को जमकर प्रचारित किया यहाँ तक की महाकाल की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक बुलाई और उसको टीवी चैनलों पर खूब दिखाया गया वही हाल ही में उन्होंने ऐलान कर दिया की एमपी देश का वो पहला राज्य होगा जिसमे समान नागरिक संहिता लागू होगी
कुलमिलाकर बीजेपी ने साफ़ कर दिया की आगामी विधानसभा चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर ही लड़ेगी, वही दूसरी तरफ एमपी में राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा बीजेपी के इस हार्ड कोर हिंदुत्व पर हमला करती दिखी राहुल ने आगर मालवा सहित अन्य स्थानों पर आरएसएस और बीजेपी के इस हिंदुत्व को लेकर हमला किया, वही खुद भी सॉफ्ट हिंदुत्व पर चलते दिखे कांग्रेस के लिए परेशानी सीएम शिवराज जैसी ही है जिस तरह हिंदुत्व का मुद्दा सीएम शिवराज पर सूट नहीं होता ठीक उसी तरह कांग्रेस जब सॉफ्ट हिंदुत्व पर चलती है तो वो भी उस पर सूट नहीं करता वही कांग्रेस जब सॉफ्ट हिंदुत्व की बात करती है तो भाजपा के हिंदुत्व को बल मिलता है और उससे यह मैसेज जाता है की बीजेपी सही है कुलमिलाकर कांग्रेस के लिए मुश्किल यह है की शिवराज सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी होने के बावजूद हिंदुत्व के शोर में सरकार की नाकामियों के मुद्दे गायब हो जाते है ऐसे में कांग्रेस करे तो क्या करे
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में टिकिट पाने वाले कांग्रेस नेताओ ने जमकर भागीदारी की और खूब भीड़ दिखाई लेकिन क्या ये भीड़ चुनाव में असर छोड़ पाएगी या फिर यु कहा जाए की भारत जोड़ो का मुद्दा हिंदुत्व के मुद्दे के आगे टिक पायेगा क्योकि राहुल गांधी कुछ बोलने की कोशिश जरूर कर रहे है जैसा उन्होंने आगर मालवा मे जयश्री राम के नारे को लेकर आरएसएस पर हमला किया लेकिन जमीन पर कांग्रेस के नेता इन मुद्दों पर बोलने से परहेज पालते है क्योकि उनका सोच है की बीजेपी के हिंदुत्व पर टिपण्णी की तो हिन्दू वोट छिटक जाएगा कुलमिलाकर कांग्रेस एमपी में बीजेपी के इस मुद्दे से कैसे पार पाटगेगी अभी सुझाई नहीं दे रहा
तीसरा पक्ष जयस है जो बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए खतरा है लेकिन जयस धर्मनिरपेक्ष विचार धारा को लेकर आगे बढ़ रहा है इसलिए इतना तो साफ़ है की वह भाजपा के साथ नहीं जाएगा ऐसे में यदि जयस और उसके आदिवासी वोटो का साथ कांग्रेस को मिल जाए तो बीजेपी मुश्किलों में फंस सकती है इसी का परिणाम है की एमपी के आदिवासी वोटो को अवेरने में भाजपा ने पूरी शक्ति लगा दी है और उसके सारशीर्ष नेता इस मुद्दे पर एमपी का दौरा कर चुके है