POLITICS: कमलनाथ और मिनाक्षी नटराजन के शैकहेंड के बाद समीकरण बदलें, हार्दिक पटेल ने दिल्ली में डाला डेरा, महेन्द्र पाटीदार यदि उम्मीदवार हुवें तो सत्तू पाटीदार की कट सकती है पंतग, उमराव पहुंचे अंतिम सूची में, मुकेश काला की उम्मीदवारी पर घमासान, बता रहें वरिष्ठ पत्रकार मुस्तफा हुसैन
विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में उठापटक का दौर जारी है सूचना आ रही है कि दिल्ली में कमलनाथ और मिनाक्षी नटराजन ने हाथ मिला लिया है वही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल अपने खासुलखास महेन्द्र पाटीदार के टिकट के लिये दिल्ली में डेरा डाल चूके है और उन्होने मधुसुदन मिस्त्री, महाराज सिंधिया और अशोक गेहलोत से महेन्द्र पाटीदार की मुलाकात भी कराई है
दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर जो बिगुल बजा है उसकी जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार कमलनाथ और मिनाक्षी के शेकहेंड के बाद मालवा का सीन बदलता दिख रहा है नीमच मंदसौर की बात करे तो इस शेकहेंड के बाद जावद से सत्तू पाटीदार, नीमच से उमराव सिंह गुर्जर, मंदसौर से विपिन जैन, सुवासरा से हरदीप डंग का नाम प्रस्तावित हुआ है जबकि मनासा और मल्हारगढ महाराज सिंधिया के खाते में छोडी जा रही है यहां से विजेन्द्र सिंह मालाहेडा मनासा और मल्हारगढ से परशुराम सिसौदिया का नाम सामने आया है वही गरोठ सीट दिग्गीराजा के खाते में जाती दिख रही है यहां से सुभाष सोजतिया का नाम प्रस्तावित है
इस गठजोड के बाद सारे समीकरण बदलते दिख रहें है और नये समीकरण बन रहें है उधर मल्हारगढ में महाराज सिंधिया के दावेदार परशुराम को राकेश जावेरिया भी कडी टक्कर दे रहें है कमलनाथ और मिनाक्षी मैडम की जोडी सहमति के साथ चार टिकट लेकर अलग हो रही है बाकि सीटो पर घमासान में वे हो सकता है हाथ नही डाले
इन नये समीकरणो के बीच पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है और वे अपने खासुलखास महेन्द्र पाटीदार की लडाई लड रहें है उन्होने कल महेन्द्र पाटीदार की महाराज सिंधिया, मधुसुदन मिस्त्री और अशोक गहलोत से मुलाकात करवाई, यदि मंदसौर से महेन्द्र पाटीदार की उम्मीदवारी निश्चित होती है तो एक बार फिर जावद के समीकरण बदल सकते है ओर वहां से सत्तू पाटीदार का नाम कट सकता है ऐसे हालात में मंदसौर से महाराज सिंधिया के खासुलखास दावेदार मुकेश काला को सुवासरा या गरोठ शिफ्ट किया जा सकता है क्योंकि इन दिनो ही सीटो पर करीब 40-40 हजार पोरवाल वोट है यदि काला को उम्मीदवार नही बनाया गया तो गरोठ, सुवासरा और मंदसौर में मौजूद करीब 20 हजार पोरवाल वोटर कांग्रेस के एकतरफा खिलाफ हो सकते है वही पूरे संसदीय क्षैत्र में करीब डेढ लाख पोरवाल मतदाता है
कुल मिलाकर ताजा हालातो में दिल्ली का घमासान हद से ज्यादा बढता दिखाई दे रहा है और लगता है अक्टूबर महीने के पहले पकवाडे में कांग्रेस शायद मालवा में अपनी सूची जारी नही कर पाये