KHABAR : मध्यप्रदेश में अगले 2 साल में लाखो लोगों को मिलेगा रोजगार, प्रोफेशनल कोर्स शुरू होगा कक्षा छठवीं से, पढ़े खबर
भोपाल. मध्य प्रदेश में अगले 2 साल में 30 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा. सरकार ने अपना टारगेट तय कर लिया है. उसका दावा है कि अभी 57 दिन में 5 लाख 26 हजार लोगों को रोजगार दिया गया. सरकार अब कक्षा छठवीं के सिलेबस में रोजगार के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू करेगी.
राष्ट्रीय युवा दिवस पर मध्य प्रदेश में रोजगार दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये ऐलान किया. मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा ने कहा आज एक दिन में सवा पांच लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा. हमने कई क्लस्टर की शुरुआत की है. टॉय क्लस्टर भी बनाया है. जिसमें इंटरनेशनल कम्पनियों ने भी रुचि दिखाई है. भोपाल, सीहोर , छतरपुर , मुरैना समेत कई जिलों में अलग अलग क्लस्टर पाइपलाइन में हैं. युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले यही कोशिश है. अगले दो साल में 30 लाख नए रोजगार दिये जाएंगे.
57 दिन में 5 लाख 26 हज़ार लोगों को रोजगार
रोजगार दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हमारी प्राथमिकता रोजगार है. हमारी कोशिश है कि सरकारी नौकरी मिले. हम 60 हज़ार करोड़ रुपये तनख्वाह बॉटते हैं. 16 नवम्बर से 12 जनवरी तक अलग अलग योजनाओं के तहत 5 लाख 26 हज़ार से ज्यादा लोगों को 53 करोड़ से ज्यादा उपलब्ध कराए गए. हर महीने एक लाख परिवारों को रोजगार से जोड़ा जाएगा. अलग अलग उद्योगों में निवेशक तेजी से आ रहे हैं. 13 क्लस्टर MSME विभाग में सक्रिय हुए हैं. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश से हर परिवार को जोड़ने का काम किया जा रहा है.
कक्षा छठवीं से व्यावसायिक पाठ्यक्रम
शिवराज सिंह चौहान ने कहा रोजगार के लिए अब कक्षा 6 वीं से व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा. कॉलेजों में भी कौशल सिखाया जाएगा. प्लेसमेंट की व्यवस्था की जाएगी.जिला और विकास खंड स्तर पर हर महीने एक दिन रोजगार मेला लगाया जाएगा. कोरोना काल में भी छोटी मध्यम कम्पनियां आ रही हैं. हज़ारों लोगों को रोजगार मिल रहा है. हम कंपनियों को कई तरह की छूट दे रहे हैं. मप्र में अगला लक्ष्य लघु एवं कुटीर उद्योग का जाल बिछाने का है.
बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
सीएम ने स्कूलों को लेकर कहा बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है. हमारी कोशिश है अस्पतालों की व्यवस्था चाक चौबंद हो. अभी बहुत कम मरीज अस्पतालों में हैं. कोरोना के हालात की समीक्षा के बाद फैसला लिया जाएगा कि स्कूल खोले रखें या बंद कर दिये जाएं.