BIG NEWS : डिजिटल युग में भी कंजार्डा पठार क्षेत्र में राष्ट्रीयकृत बैंक का अभाव, कई किलोमीटर का सफर तय कर मनासा व नीमच जाने को मजबूर है उपभोक्ता, ग्रामीणों ने की शाखा खोलने की मांग, पढ़े महेंद्र भटनागर की खबर
कंजार्डा। डिजिटल युग में भी पठार क्षेत्र में राष्ट्रीयकृत बैंक का ना होना ग्रामीणों का दुर्भाग्य है। जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण या राष्ट्रीयकृत बैंक नहीं खुल रही है। जबकि कंजार्डा पठार पर 10000 की आबादी होने के बाद भी राष्ट्रीय कृत बैंक नहीं है राष्ट्रीय कृत बैंक नहीं होने से ग्रामीणों को मजबूरन डिकेन नीमच मनासा जाना पड़ता है दूर सुदूर व्यापारियों के लेनदेन के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों में राशि जमा कराने के लिए मनासा, नीमच, डिकेन रूख करना पड़ता है, जिससे व्यापारियों आमजन का पैसा और समय दोनों ही बर्बाद होते हैं। पूर्व में भी कई बार मांग की गई, किंतु किसी भी जनप्रतिनिधि के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। न ही किसी बैंक ने इस ओर ध्यान दिया।
कंजार्डा में पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एसबीआई के कियोस्क संचालित है, किंतु इन पर भी कई बार लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है। इससे अच्छा तो है क्या बैंक आफ बडौदा एसबीआई या आईसीआई बैंक अपनी एक शाखा कंजार्डा में खोल दें तो यहां के लोगों को एक राष्ट्रीयकृत बैंक की सुविधा मिल सकती है। लाखों रुपयों का लेनदेन रोजाना होता है। यहां एक ग्रामीण बैंक की शाखा है वह भी ऑनलाइन नहीं होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस डिजिटल युग में लोगों को सुविधा मिलने की बजाय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण बैंक की शाखा में मोबाइल सेवा चालू नहीं होने के कारण लोगों को अन्य बैंकों में अपना खाता खुलवाना पड़ रहा है। कांग्रेस शासन काल में भी राष्ट्रीकृत बैंक खोलने की मांग की गई थी। उस समय सांसद मीनाक्षी नटराजन ने सर्वे करवाया था, किन्तु जिम्मेदारों ने जानकारी सही नहीं दी। इस कारण बैंक की शाखा नहीं खुल सकी। आज ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआई बैंक, एसबीआई बैंक के अधिकारियों से मांग की है कि कंजार्डा में भी एक शाखा खोली जाए, ताकि लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े और बाहर न जाना पड़े। उनकी समस्या का समाधान यहीं हो जाए। ग्रामीण बैंक से अन्य बैंक का चेक को क्लीयर करवाने में भी समय लगता है।