KHABAR : कलेक्टर ने ली जिले की गौशाला संचालकों की बैठक, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश, बोले- गौशालाएं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास करें, पढ़े खबर
आगर मालवा। जिले की गौशालाओं स्वावलंबी, आत्मनिर्भर बनाने एवं सफल संचालन को लेकर कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला गोपालन एवं गोसंवर्धन समिति राघवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को जिले की सभी गौशालाओं के संचालकों की बैठक कलेक्टर सभाकक्ष में संपन्न हुई।
कलेक्टर ने बैठक में गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करते हुए गौशाला संचालकों को अपनी गौ गौशालाएं आर्थिक रूप आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास करने हेतु कहा गया। कलेक्टर ने गौशाला संचालन में आ रही कठिनाइयों के बारे में जानकारी प्राप्त की एवं समस्याओं के निदान हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया। साथ ही गौशालाओं में पानी के भंडारण हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन अधिकारी को टंका निर्माण करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के प्रारंभ में उपसंचालक पशुपालन डॉ पंवार द्वारा जिले में क्रियाशील गौशालाओं एवं संधारित गोवंश की जानकारी दी गई तथा विभागीय प्रस्तुतीकरण दिया गया। उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा समस्त गौशालाओं को अनुदान राशि 20 प्रति गाय प्रतिदिन से बढ़कर 40 प्रति गाय प्रतिदिन किया गया है, राशि का उपयोग गौशाला संचालक मानव संसाधन पशु आहार चारा भूसा आदि में कर सकेंगे। गौशाला संचालकों को गौशालाओं में रहने वाले गोवंश की जानकारी पोर्टल पर नियमित रूप से दर्ज करने के बारे में बताया गया ताकि अनुदान राशि निर्बाध रूप से प्राप्त हो सके ।
मध्य प्रदेश में स्वावलंबी कामधेनु निवास की स्थापना 2025 की नीति को मंत्री परिषद द्वारा स्वीकृति दी गई है, इसके तहत राज्य की पड़त भूमि पर बृहद गौशालाओं की परियोजना का निर्माण हो सकेगा, इसके तहत गोपालन दुग्ध प्रसंस्करण, कृषि ,चारा विकास ,उद्यानिकी, नव एवं नवकरणीय ऊर्जा ,जैविक खाद ,आयुष तथा पर्यटन आदि के क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों की जा सकेगी, इसके तहत न्यूनतम 5000 गोवंश हेतु 125 एकड़ भूमि इसके उपरांत प्रत्येक 1000 के लिए प्रबंधन पर अतिरिक्त 25 एकड़ भूमि की पात्रता होगी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए 5 एकड़ अतिरिक्त भूमि के लिए अनुबंध किया जा सकेगा न्यूनतम 5000 गोवंश के पालन के साथ रुपए 50 करोड़ निवेश की परियोजनाएं प्रस्तुत करने वाली संस्था संघ ही अनुबंध के पात्र होंगे।
जिले की गौशालाओं में सेक्स सॉर्टेड सीमेन के उपयोग के बारे में जानकारी दी गई सेक्स सॉर्टेड सीमेन से मादा बछिया होने की संभावना 90ः से अधिक होती है जबकि पारंपरिक वीर्य से बराबर अनुपात में नर एवं मादा की होने की संभावना होती है मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के अंतर्गत पशुपालकों एवं गौशाला संचालकों को अनुदान पर सेक्स सॉर्टेड सीमेन उपलब्ध कराया जाएगा । प्रारंभिक चरण में गौशालाओं में उपलब्ध प्रजनन योग्य गोवंश पर सेक्स सॉर्टेड सीमेन का उपयोग किया जाएगा, जिससे गोवंश की नस्ल में सुधार होगा उच्च गुणवत्ता की गाय से उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी पशुपालन विभाग जिला आगर द्वारा लगभग 6500 डोज सेक्स सॉर्टेड सीमेन का उपयोग किया जा चुका है। गोवंश को सड़क दुर्घटना से बचाव हेतु रिफ्लेक्टिव कलर का उपयोग किया जा रहा है।
बैठक में जिला शाजापुर से पधारे देवेंद्र परमार द्वारा गोबर से सीएनजी गैस बनाने के प्लांट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, उनके द्वारा गोबर गैस से सीएनजी का निर्माण किया गया , इस कार्य के लिए कलेक्टर द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया। कलेक्टर ने जिले के गौशाला संचालकों को जिला शाजापुर में स्थित गोबर से सीएनजी बनाने के प्लाट की एक्सपोजर विजिट करने की करने के निर्देश दिए गए । कार्यक्रम के प्रारंभ में गोअभ्यारण के प्रबंधक शर्मा द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया तथा उनके द्वारा बृहद गौशाला संचालक के अनुभव भी उपस्थित गौशाला संचालकों के साथ साझा किए गए ।
बैठक में एडीएम आरपी वर्मा, जिले की चारों जनपद के जनपद सीईओ ,ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री ,एनआरएलएम के जिला अधिकारी एवं पशुपालन विभाग के समस्त पशु चिकित्सा अधिकारी, गो अभ्यारण प्रबंधक शिवराज शर्मा और सालिया खेड़ी गौशाला प्रबंधक सोहनलाल विश्वकर्मा उपस्थित रहे, जानकारी डॉक्टर अरविंद महाजन ने दी।