नीमच। झांझरवाड़ा स्थित कर्बला मैदान के समीप बने तालाब में मगरमच्छ दिखाई दिया था। पांच दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा लगाए पिंजरे में मगर नहीं आ पाया था। लेकिन शनिवार को वन विभाग ने दिन में दूसरा पिंजरा लगाया। इस पिंजरे के लगाने के बाद देर रात मगर पिंजरे में कैद हुआ।
शहर से करीब 9 किमी दूर झांझरवाड़ा में औद्योगिक क्षेत्र और हवाई पट्टी के बीच स्थित कर्बला मैदान के समीप तालाब है। यहीं पर ताजिए ठंडे किए जाते हैं। इसी तालाब में पांच दिन से दो मगरमच्छ के बच्चे डेरा डाले हुए था। वन विभाग के डिप्टी रेंजर रमेश प्रजापति ने बताया कि आस-पास ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां से मगरमच्छ इस तालाब में आए। संभवतः जाजू सागर बांध (हर्कियाखाल डेम) से ही यह दोनों मगरमच्छ तालाब में ग्रामीण क्षेत्रों के खेत औैर नालों से होकर आए हैं। डेम क्षेत्र इसी के आगे हैं और इस क्षेत्र से नाले में भी जाजू सागर बांध तक जाते हैं। इस क्षेत्र में आसपास केवल जाजू सागर बांध में ही मगरमच्छ हैं। ऐसे में यह दोनों मगरमच्छ वहीं से आने का अनुमान है। डिप्टी रेंजर प्रजापति ने बताया शनिवार रात 10 बजे भी पिंजरे की जांच करने के साथ आहार बदला गया ताकि उसकी गंध से वह पिंजरे तक आए। संभवतः देर रात मगर पिंजरे की गिरफ्त में आया होगा। मगर को गांधी सागर छुड़वाया है। आज रविवार को कर्बला में मुस्लिम समाजजन बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। ऐसे में इनकी सुरक्षा के लिए पहले से ही चौकीदार और पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।