भोपाल। विंध्य में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ राज तिवारी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ली। सिद्धार्थ कांग्रेस के टिकट पर रीवा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। वे रीवा की त्योंथर सीट से कांग्रेस का टिकट मांग रहे थे। सीएम शिवराज सिंह चौहान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भोपाल में उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में सिद्धार्थ तिवारी को सदस्यता दिलाने के बाद सीएम शिवराज ने कहा, सिद्धार्थ के पीछे बड़ी राजनीतिक विरासत हैं। वे युवा प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। उन्होंने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के बीच मंगलवार को कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी करने के दौरान हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, कांग्रेस में गालियां खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी दी गई है। कमलनाथ ने खुद इसका खुलासा किया है की गाली खाने की पावर ऑफ अटॉर्नी उन्होंने दिग्विजय सिंह को दी थी, जो अभी तक वैलिड है। मैं कमलनाथ से पूछना चाहता हूं कि ऐसा काम ही क्यों करते हो कि गाली खाना पड़े। अगर गाली खाना पड़े तो खुद न खाएं, दूसरे को पावर ऑफ अटॉर्नी दे दें। ऐसे ही सरकार चलाने की पावर ऑफ अटॉर्नी भी इन्होंने दिग्विजय सिंह को ही दे रखी थी। पहले बंटाढार हुआ और बाद में भी बंटाढार हुआ। जब दिग्विजय सिंह के शासनकाल में प्रदेश की जो दुर्गति हुई वह जनता को पता है। लेकिन, यह कांग्रेस जगब है और धन्य है। इसके नेता गलियां खान की पावर ऑफ अटॉर्नी देते हैं।
सिद्धार्थ तिवारी ने कहा, हमारे परिवार ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को शिकस्त देने के बाद कांग्रेस जॉइन की थी। आज नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। चाहे वह सैनिक का क्षेत्र हो वाणिज्य का क्षेत्र हो। विश्व में हमारी तूती बोलती है। मैं मोदी जी के नेतृत्व और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर आज बीजेपी का दामन थाम रहा हूं। हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का काय-कल्प हुआ है। हमने 2003 की सड़कें याद हैं। और 2023 के हाईवे हम देख रहे हैं। युवाओं को भारतीय जनता पार्टी में मौका मिलता है। इसी से प्रभावित होकर आज भाजपा का दामन थाम रहा हूं।
कांग्रेस ने त्योंथर से रमाशंकर सिंह पटेल को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। हालांकि, सिद्धार्थ को टिकट न मिलने के संकेत काफी पहले से मिल गए थे। वे केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई बीजेपी नेताओं से मिल चुके हैं। सिद्धार्थ के बीजेपी में शामिल होने के बाद मौजूदा विधायक श्यामलाल द्विवेदी का टिकट काटकर सिद्धार्थ को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। बीजेपी ने फिलहाल यह सीट होल्ड रखी है।