उज्जैन। शहर से सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्री चिंतामन गणेश मंदिर पर चौत्र मास के पहले बुधवार को पहली जत्रा पर सुबह मंदिर के पट खुलने के बाद से ही दर्शनार्थियों की भीड़ लगने लगी थी। सुबह चार बजे पट खुलने के बाद पंचामृत पूजन हुआ। बाद में भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया गया। इस बार भी भगवान गणेश की चौत्र मास की चार जत्रा होगी। प्रति बुधवार को सुबह चार बजे मंदिर के पट खुलेगें।
शहर के प्रसिद्ध भगवान श्री चिंतामन गणेश मंदिर में चौत्र मास के प्रथम बुधवार 27 मार्च को जत्रा का आयोजन किया गया। मंदिर के पुजारी ने सुबह चार बजे मंदिर के पट खोले। इसके बाद भगवान का पंचामृत पूजन के बाद भगवान गणेश का श्रृंगार हुआ। पहली जत्रा में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर भगवान गणेश के दर्शन लाभ लिया। इस बार मंदिर प्रशासन ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण जत्रा के दौरान प्रति बुधवार को होने वाले सांस्कृतिक आयोजन भी पूर्व में ही निरस्त कर दिए है। मंदिर के प्रबंधक अभिषेक शर्मा ने बताया कि पहली जत्रा पर बुधवार को मंदिर समिति की सारी व्यवस्थाएं हो चुकी थी। कहीं कोई परेशानी नही हुई। मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए मैटिन की बिछात की गई है। वहीं परिसर में छाया के लिए शामियाना भी लगाया गया है। पेयजल के लिए दुग्ध संघ के माध्यम से टेंकर मंगवाकर ठंडा पानी उपलब्ध कराया गया।
तीन जत्रा में दर्शन के लिए पहुंचेगें श्रद्धालु-
इस बार पहली यात्रा 27 मार्च को हो गई है। दूसरी जत्रा 3 अप्रैल को तीसरी जत्रा 10 अप्रैल को और चौथी व अंतिम शाही जत्रा 17 अप्रैल को होगी। तीनों जत्रा के दौरान श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेगें। भगवान श्री चिंतामन गणेश की यात्रा को लेकर मान्यता है कि क्षेत्र में गेहूं, चने की फसल पक जाती है। किसानों के यहां धान के भंडार भर जाते हैं। किसान नया धान बाजार में बेचने से पहले भगवान चिंतामन गणेश के दरबार में चढ़ाने आते है।