BIG NEWS : अफीम नीति 2024-25 घोषित, सीपीएस से लूनी में मिले पट्टे, सरकार ने खेला ये खेल, 4.2 मार्फिन आधार, 90 किलो दिया तो बचेगा पट्टा, 95 से 98 के लिए भी ये पॉलिसी, किसान जा सकता है कोर्ट, पढ़े महावीर सैनी के साथ महेश मेनारिया की खबर
नीमच। देश की राजधानी दिल्ली से नई अफीम पॉलिसी का गजट नोटिफिकेशन जारी हो गया है। नई अफीम नीति-2024-25 में किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। इस बार सरकार ने नई अफीम नीति 2024-25 में कई बड़े बदलाव किए हैं। नई नीति में सीपीएस वाले किसानों को लुईनी-चिरनी में पट्टा जारी किया गया है। वहीं लुईनी-चिरनी में औसत के मान से कम अफीम तुलवाने वाले काश्तकारों को सीपीएस में पट्टा जारी किया गया है। इस बार 16 हजार से अधिक किसानों को नए लाइसेंस मिलेंगे। आपकों बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई अफीम नीति 2024-25 पर कल सोमवार को ही हस्ताक्षर कर दिए थे। आज गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
10 दिनों से बाहर थी वित्त मंत्री-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 10 सालों में इस बार अफीम नीति सबसे लेट हुई है। अफीम पॉलिसी के जारी होने में देरी का कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दिल्ली से बाहर होना सामने आया है। वित्त मंत्री पिछले 10 दिनों से राजधानी में नहीं थी। इसी के चलते नई अफीम नीति में हस्ताक्षर करने पर देरी हुई है। लेकिन अब किसानों का इंतजार भी खत्म हो गया है। आज मंगलवार को अफीम नीति का गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है।
सीपीएस में बेहतर प्रदर्शन करने वालों को लाभ-
नीमच-मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता ने बताया कि नई अफीम नीति 2024-25 में सरकार ने सीपीएस में बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसानों को दीपोत्सव का उपहार दिया है। इस बार सरकार ने उन किसानों को लुईनी-चिरनी में पट्टे जारी किए हैं, जिन्होंने विगत वर्ष 90 किलो प्रति 10 आरी के मान से सीपीएस में डोडे दिए थे। साथ ही 67.5 किलोग्राम से उपर प्रति 10 हेक्टेयर औसत देने वाले किसानों को भी लुईनी-चिरनी में पट्टे जारी किए गए हैं।
सीपीएस वाले काश्तकार दे रहे 4 हजार 500 मीट्रिक टन डोडे-
अफीम की खेती से जुड़े जानकारों की मानें तो प्रतिवर्ष सीपीएस पद्धति में अफीम की खेती करने वाले किसान सरकार को करीब 4 हजार 500 मीट्रिक टन डोडे दे रहे हैं। लेकिन सरकार महज 100 मीट्रिक टन डोडों का ही प्रोसेस बजाज हेल्थ केयर के माध्यम से कर पा रही है। सरकार के पास इन डोडों की प्रोसेस करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। यहीं कारण है कि इस बार की अफीम नीति में सरकार ने बड़ा उलटफेर किया है।
इन तीन बिंदुओं पर किए हस्ताक्षर-
नीमच-मंदसौर संसदीय क्षेत्र के सांसद सुधीर गुप्ता ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अफीम पॉलिसी 2024-25 पर सोमवार को हस्ताक्षर कर दिए है। इस बार अफीम पॉलिसी में तीन प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया है। इसमें उन सीपीएस वाले अफीम किसानों को लुईनी चिरनी में शामिल किया गया है, जिन्होंने बीते वर्ष 90 किलो प्रति 10 आरी के मान से सीपीएस में डोडे दिए थे। वहीं इस नीति में दूसरा प्रमुख बिंदू है, जिन किसानों ने 67.5 किग्रा से उपर प्रति 10 हेक्टेयर औसत दी थी, उन्हें भी लुईनी-चिरनी में शामिल किया गया है। जबकि तीसरे बिंदू में सरकार ने उन किसानों को झटका दिया है, जिन्होंने 67.5 के नीचे की औसत दी थी। इन किसानों के एक साल के लिए पट्टे निरस्त किए गए हैं। वहीं लुईनी चिरनी में 4.2 किलोग्राम हेक्टेयर से कम अफीम तुलवाने वाले किसानों को भी लुईनी चिरनी से हटाकर सीपीएस में पट्ठा जारी किया गया है।
पिछले वर्ष ही कम किया था प्रतिशत-
गौरतलब है कि पिछले वर्ष तक मार्फिन का पैमाना 70 प्रतिशत प्रत्येक 10 आरी था, जिसे सरकार ने घटाकर 67.5 प्रतिशत किया था। सूत्रों के अनुसार जिन अफीम किसानों ने लुईनी चिरनी में 3.0 से उपर और 4.2 से कम औसत दी थी उनको सीपीएस में पट्टा जारी किया गया है। जबकि लुईनी चिरनी के वह किसान जिन्होंने 4.2 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से कम अफीम तुलवाई थी उन्हें सीपीएस में पट्टा दिया गया है।
इन्हें भी जारी किए पट्टे-
वर्ष 1995-96 से अब तक जिन किसानों के पट्टे किसी कारण से निरस्त किए गए थे और जिन्होंने एनडीपीएस एक्ट का उल्लंघन नहीं किया था, उन काश्तकारों को भी सीपीएस पद्धति के तहत 10 आरी का पट्टा जारी किया गया है। वहीं 1995 से 98 तक के जिन किसानों ने 25 किलोग्राम प्रत्येक हेक्टेयर औसत दी थी, यानि 25 एमक्यूवाय उन्हें भी सीपीएस पद्धति में शामिल किया गया है। उस समय 56 से 58 की औसत निर्धारित होती थी।
वॉईस ऑफ एमपी लगातार उठाता आया है किसानों की आवाज-
आपकों बता दें कि मप्र का नंबर न्यूज चौनल वॉईस ऑफ एमपी लगातार अफीम किसानों की आवाज उठाता आया है। अफीम काश्तकारों की प्रमुख मांगों को सरकार के उचे पदों पर बैठे जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों तक पहुंचाता आया है। अफीम किसानों ने इस बार भी वॉईस ऑफ एमपी पर विश्वास जताया और अफीम पॉलिसी जारी होने से पहले ही धन्यवाद देते हुए खुशी जाहिर की।