KHABAR : 1000 वर्ष पुराना तक्षक नाग महाराज का अति प्राचीन मंदिर आस्था और रहस्य का बना केंद्र, पढे़ दिलीप सौराष्ट्रीय की खबर 

वौइस् ऑफ़ मप्र

शाजापुर जिला मुख्यालय से महज 16 किलोमीटर दूर स्थित छतगांव गांव में 1000 वर्ष पुराना तक्षक नाग (ताखा जी) महाराज का मंदिर आस्था और रहस्य का केंद्र बना हुआ है। यहां स्थित नाग देवता का स्थान और प्राकृतिक के बीच विशाल बरगद का पेड़ लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। यह बरगद 2 बीघा में फैला हुआ हैं। इसकी जटाएं मंदिर से कुछ इस तरह लिपटी हुई हैं जैसे स्वयं नाग देवता उसमें समाहित हों। मंदिर के गर्भगृह तक बरगद की जटाएं फैली हुई हैं। पुजारी ने बताया कि तक्षक महाराज के मंदिर की ऐसी मान्यता हैं कि वहां से कोई एक सूखी लकड़ी भी नहीं उठा सकता। उन्होंने बताया कि हमारे पूर्वज के अनुसार यहां से पहले किसी ने सूखी लकड़ी उठाई थी ,तो वे अंधे हो गए। इसके बाद लकड़ी वापस रखी तो दिखने लग गया। ग्रामीणों का मानना है कि ताखा जी महाराज गांव की रक्षा करते हैं। कई बार उन्हें सफेद नाग के रूप में दर्शन भी हुए हैं। ग्रामीण अरविंद राजपूत ने बताया कि यह स्थान चमत्कारी है। जटाएं मंदिर की छत और दीवारों तक पहुंच चुकी हैं, जिसे देखकर हर श्रद्धालु दिव्यता महसूस करता है। ग्रामीण अर्जुन सिंह ने बताया कि वर्षों पहले गांव की एक गाय जब भी बरगद के पास जाती, तो अपने आप उसका दूध बहने लगता था। यह घटना कई बार दोहराई गई, जिससे हैरान ग्रामीणों ने गाय का पीछा किया। तब उन्हें यह स्थान मिला और माना कि यहां कोई दैवीय शक्ति का वास है। इसके बाद ग्रामीणों ने यहां पूजा शुरू की, जो आज तक जारी है। इस मंदिर में हर साल गंगा दशमी पर मंदिर में सप्तदिवसीय विशेष यज्ञ का आयोजन किया जाता है। इस दौरान दूर-दराज से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और भंडारे में शामिल होते हैं। मंदिर में रोजाना पूजा होती है और विशेष पर्वों पर बड़ा आयोजन किया जाता है। यहां का वातावरण श्रद्धा और शांति से भरपूर रहता है। नागपंचमी पर विशेष पूजा अर्चना भी मंदिर में कि जाती है यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
 

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