कहने को भले ही किसान आंदोलन ख़त्म हो जाने की बाते हो रही हो लेकिन जमीनी हकीकत इससे परे ही है किसानो में अब भी अपनी फसलों के सही दाम नहीं मिलने और किसानो पर गोलिया चलवाये जाने को लेकर गुस्सा है जिसका असर प्रदेश के सीमांत जिले की सबसे बड़ी मंडी नीमच में देखने को मिल रहा है
किसानो के 10 दिवसीय आंदोलन की आखरी तारीख 10 जून थी बावजूद इसके मंडी में आज किसान अपनी उपज बेचने नहीं लाये है आज मंडी में नाम मात्र के गेहू और प्याज आई जिससे ये साफ है की किसान अब भी मंडियों से अपना किनारा बनाये है वही व्यापारी भी अपनी मजबूरियों के आगे बेबस होकर आगे उपजो की मांग नहीं होने और किसान के उग्र आंदोलन से डर के चलते खरीदी में अपनी वैसी रूचि नहीं दिखा रहे है
ऐसे में अब भी किसान आंदोलन का असर अब भी अच्छा खासा मंडी में देखने को मिल रहा है जानकर बताते है की मंडी को सुचारु चलने में लम्बा समय भी लग सकता है