PRESS NOTE : नीमच में पत्थर पॉलिटिक्स गरमाई, भाजपा नेत्री ने दिग्गीराजा के बयान पर किया पलटवार, बताया अंतर्यामी, पढ़े खबर
नीमच । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने नीमच जिले के ज़ावदथाना अंतर्गत आने वाले ग्राम मोड़ी मैं एक कार्यकर्ता के घर भोजन कर रात्रि विश्राम के पश्चात अंचल की प्रसिद्ध मोड़ीमाता के दर्शन से आशीर्वाद लेने के बाद भी दो संप्रदाय के बीच में दरार पैदा करने वाली बात वाला बयान देकर फिर से सुर्खियों में आ गए बता दें कि अक्सर विवादित बयानों को लेकर मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम पहले भी चर्चाओं में रहे हैं।
उपरोक्त वाद अपने प् प्रेस नोटके माध्यम से कहते हुए महिला नेत्री मीनू लालवानी ने कहा कि एक तरफ तो पूर्व सीएम के कार्यकर्ता राम धुन निकालकर अंचल की प्रसिद्ध देवी मां मोड़ीमाता के दर्शन का आशीर्वाद दिलवाते है। और आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद भी अपनी बदजुबानी के लिए चर्चित पूर्व सीएम बाज नहीं आए और फिर एक विवादित बयान देकर चले गए ?
पूर्व सीएम ने जैसा कि ग्राम मोड़ी में कहा कि मुस्लिम लड़कों को पैसे देकर भाजपा पत्थर फिकवती है तो क्या यह सीएम बताएं कि वे मुसलमानों की पैरवी कर रहे हैं या खुद उन्हें गरीब कहकर तमाचा मारते हुए पत्थर के नाम पर दो समुदाय के लोगों के बीच बड़े विवाद को जन्म देने का काम कर रहे हैं ?
मीनू लालवनी ने कहा कि पहले तो पूर्व सीएम यह बताएं कि क्या वे अंतर्यामी है जो उनके पास यह सूचना आई थी कि मुसलमानों को पैसे देकर भाजपा के लोग पत्थर फिकवाते है ? तो पूर्व सी एम जरा सा यह भी बता दें कि २०१५ में जावद मैं जब हनुमान जयंती के अवसर पर खुर्रा चौक से पत्थर बरसाए गए थे उस घटना की गोपनीय सूचना माननीय पूर्व सीएम को नहीं मिली थी क्या ?
क्या उस घटना पर भी वे भाजपा के लोगों पर उंगली उठाएंगे
श्रीमती लालवानी ने कहा कि एक तरफ तो पूर्व मुख्यमंत्री दिगविजयसिंह मोड़ी मैं अपने भाषण के दौरान भाजपा पर राम के नाम का श्रेय लेने का आरोप लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर जो उनके कार्यकर्ता राम धुन का कार्यक्रम आयोजित कर उनके चहेते सीएम के साथ पहुंच कर माता जी के दर्शन कर फिर से अपनी जमीनी हकीकत को नीमच जिले में ढूंढने टटोलने के लिए भाजपा पर जो आरोप लगा रहे हैं उसका कोई औचित्य नहीं है ?
श्रीमती लालवानी ने कहा कि खरगोन और सेंधवा और राजस्थान के करौली की घटना काफी निंदनीय है इस तरह के बयान तो किसी भी कांग्रेस के बड़े से बड़े और छोटे से छोटे नेता का सामने नहीं आया बल्कि रामनवमी पर जुलूस पर पथराव की घटना को राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस के लोग अपना वजूद तलाश रहे हैं जनता सब समझ रही है की घटना की जमीनी हकीकत क्या है ? श्रीमती लालवानी ने पूर्व सी एम के विवादित बयान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कि खरगोन सेंधवा की घटना से पूर्व हुई सन 2015 में नीमच जिले के उसी जावद क्षेत्र में हनुमान जयंती के अवसर पर जुलूस पर पथराव की घटना का मामला सामने आया था तब भी कांग्रेस के लोगों ने अपने वोट बैंक की खातिर वर्ग विशेष के लोगो की हिंदू विरोधी वाली मानसिकता पर पर्दा डालने या यूं कहा जाए कि उन्हें राजनीतिक रूप से बचाने का काम किया था ? उस घटना को लोग अभी तक नहीं भूले है और फिर यह घटनाएं सामने आई है क्या पूर्व सीएम यह बताएंगे कि खरगोन सेंधवा , करीली की घटना निंदनीय हैं या नहीं ?