जावरा। वर्तमान समय में हमारी थोड़ी सी छुट के कारण युवा पीढ़ी पश्चिमी सभ्यता के दुष्परिणामों को नहीं समझते हुए इन दिनों एक फैशन सा चल पड़ा है। प्री वेडिंग शूट कई घटनाएं दब जाती है और कुछ घटना समाचार पत्र की सुर्खियां बन जाती है। उक्त विचार अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच के वरिष्ठ मार्गदर्शक अभय सुराणा ने कहा कि आजकल शादी से पहले प्री वेडिंग शूट का दौर चल निकला है, परिवार का प्रबंधन कम होता जा रहा है क्योंकि उनके युवक युवतिया दूसरे घरों का उदाहरण देकर सगाई के बाद निकल पड़ते हैं प्री वेडिंग के लिए। हालांकि इसको लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखे जा रही है ।जब हम शादी के रिसेप्शन में जाते हैं तो प्री वेडिंग के सूट किए गए फोटो के दर्शन हमें मेंन गेट पर ही देखने को मिल जाते हैं। क्या परिवार में जब वह बहू बनकर आती है तो क्या फोटो के दृश्य परिवार या समाज के सामने दोबारा दोहराये जा सकते हैं सीधा सा जवाब होगा कदापि नहीं तो फिर❓ सुराणा ने बताया कि हाल ही में गुवाहाटी का एक मामला समाचार पत्र में छपा जिसमें बताया गया की सगाई के बाद लड़का लड़की प्री वेडिंग शूट के लिए शिलांग चेरापूंजी आदि जगहों पर गए। लड़की के साथ उसकी मित्र व छोटा भाई था ओर लड़के के साथ भी उसका मित्र था।दोनों के कमरे अलग बुक जरूर हुए थे लेकिन बातचीत के बाद लड़की लड़के के कमरे में चली गई और वहां पर वह सब कुछ हुआ जिसे समाज शादी से पहले करने की मान्यता नहीं देता है। दबाव में आकर नशीली चीज का इस्तेमाल करने के बाद दोनों ने अपने स्कूल कॉलेज वविभिन्न समय में किए गए प्रेम प्रसंग एवं अंतरंग संबंधों का भी वर्णन कर डाला। अगले दिन चेरापूंजी से प्री वेडिंग शूट समाप्त कर दोनों गुवाहाटी पहुंच गए उसके बाद बस सगाई टूट गई क्यों❓ इस घटना के बाद लड़की का परिवार सकते में आ गया, यह सगाई क्यों टूटी। आधुनिकता की अंधी दौड़ और परंपरा को दकियानूसी मानने वाले लोगों के खिलाफ यह घटना एक बड़ा सबक हो सकती है। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।