चित्तौड़गढ़। चित्तौड़-प्रतापगढ दुग्ध उत्पादक सहकार संघ अध्यक्ष बद्रीलाल जाट जगपुरा ने कहा कि किसानों की माली हालात में अपेक्षानुरूप सुधार के लिये सहकारी बैंकों को भी हर संभव सहयोग के लिये आगे आना होगा, ताकि किसान पशु क्रय करने के लिये 3 से 5 लाख रूपये तक ऋण प्राप्त कर पशुपालन के माध्यम से श्वेत क्रांति में अपनी अहम भूमिका निभा सके।
डेयरी अध्यक्ष जाट 69 वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह के तहत सरस डेयरी परिसर में आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से न केवल दूध बल्कि अन्य क्षेत्र में भी बैंकों के सहयोग से किसानों के जीवन स्तर को उंचा उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिले में नवाचार के रूप में दूध की मात्रा बढाने के लिये पशु पालकों को प्रोत्साहित कर अधिकाधिक पशु संख्या बढाने व पशु क्रय करने के लिये सहकारी बैंको के माध्यम से आवश्यकतानुसार ऋण उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। जाट ने डेयरी से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं एंव नवाचारों की जानकारी देते हुए कहा कि पशु पालक अब कृषि के साथ-साथ पशु पालन में रूचि लेने लगे है। गोष्ठी की अध्यक्षकता करते हुए कंेद्रीय सहकारी बैंक के महाप्रबंधक नानालाल चावला ने बैंक के माध्यम से किसानों को दिये जाने वाले फसली ऋण की विस्तार से जानकारी दी। जिला सहकार संघ के घनश्याम कुमावत ने सहकारिता की मूल भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गोष्ठी के विषय उद्यमिता विकास एंव सार्वजनिक निजी सहकारी भागीदारी को सुदृढ करने की भावना को समझ कर सहकार से जुड़े सभी लोगों को समन्वित प्रयास करने होंगे। गोष्ठी के विशिष्ठ अतिथि डेयरी निदेशक भरत आंजना, उमेश व्यास, मनोहरलाल गेलड़ा, चित्तौड दुग्ध संघ के क्षेत्रीय पर्यवेक्षक सहित अन्य लोग मौजूद थे।