नीमच। संध्या मरावी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नीमच द्वारा 72 लीटर देशी मसाला शराब की तस्करी करने वाले 5 आरोपीगण 1- गोविंद पिता रामलाल बावरी उम्र 41 वर्ष निवासी ग्राम काचरियादेव, तहसील मल्हारगढ़, जिला मंदसौर को धारा 34(2) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 25000 रू अर्थदण्ड एवं बिना बीमा परमिट व फिटनेस के वाहन चलाने के लिए धारा 66/192 (क), 146/196 व 56/192 (क) मोटरयान अधिनियम, 1988 के अंतर्गत क्रमशः 6 माह, 3 माह का कारावास व कुल 17,000 रू अर्थदण्ड एवं शेष 4 आरोपीगण (2) हरीश पिता कुवंरलाल जाट, उम्र 35 वर्ष व (3) उमेरसिंह उर्फ कुबेरसिंह पिता गणपतसिंह शक्तावत उम्र 38 वर्ष, दोनों निवासी ग्राम काचरियादेव, तहसील मल्हारगढ़, जिला मंदसौर व (4) भूरालाल पिता गोरीलाल बंजारा उम्र 40 वर्ष एवं (5) भवानीसिंह उर्फ भीमा पिता सद्दाराम बंजारा, उम्र 34 वर्ष, दोनों निवासी ग्राम सावनकुण्ड, तहसील व जिला नीमच को धारा 34(2) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 25000 रू अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले एडीपीओं रितेश कुमार सोमपुरा द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिनांक 08 मार्च 2016 रात्रि के 10.30 बजे ग्राम सिरखेडा-हनुमंतिया आमरोड की हैं। पुलिस थाना नीमच सिटी के तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक हितेश पाटिल द्वारा मुखबिर सूचना के आधार पर फोर्स सहित मुखबिर द्वारा बताये स्थान पर घेराबंदी कर महिन्द्रा मेक्सीको वाहन को रोका, जिसको आरोपी गोविंद चला रहा था तथा उसके पास आरोपीगण उमेरसिंह व हरीश बैठे हुए थें। वाहन की तलाशी लिये जाने पर उसमें 4 बोरो में 180 एमएल के 100-100 क्वाटर, इस प्रकार कुल 72 बल्क लीटर अवैध देशी मसाला शराब होना पाई गई थी। मौके से आरोपीगण को गिरफ्तार कर शराब व वाहन को जप्त करके उनके विरूद्ध पुलिस थाना नीमच सिटी में अपराध क्रमांक 127/16 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। विवेचना के दौरान आरोपीगण से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया की अवैध शराब को आरोपीगण भीमा व भूरालाल द्वारा तस्कारी के लिये उपलब्ध कराई थी, जिस कारण इनको भी प्रकरण में आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया। विवेचना के दौरान आरोपी गोविंद के पास वाहन का परमिट, फिटनेस व बीमा नहीं होने से आवश्यक धाराओं का ईजाफा कर शेष विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र नीमच न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण के विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से न्यायालय में जप्तीकर्ता अधिकारी सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराते हुए अपराध को प्रमाणित कर आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया, जिससे सहमत होकर न्यायालय द्वारा आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी रितेश कुमार सोमपुरा, एडीपीओ द्वारा की गई।