गुना। कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए० की अध्यक्षता में अतिवर्षा एवं बाढ़ से निपटने की पूर्व तैयारियों हेतु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रथम कौशिक, अपर कलेक्टर मुकेश कुमार शर्मा सहित समस्त अनुविभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में आगामी मानसून सत्र में जिले में अधिकांश क्षेत्रों में बाढ़ व अतिवर्षा से आपदा की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना रहती है। ऐसी स्थिति से निपटने हेतु पूर्व तैयारियों के संबंध में विगत आपदाओं के आधार पर जिले में कुल 52 ग्रामों का बाढ़ उन्मुक्त के रूप में चिन्हित किया गया। उन ग्रामों का सभी अनुविभागीय अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत व तहसीलदार संयुक्त रूप से भ्रमण कर कार्यायोजना तैयार करें और आवश्यक उपकरण व राहत शिविर के लिए स्थल चयन व सामग्री का आंकलन करना सुनिश्चित करें। इसी दौरान ऐसी नदियां एवं बांध जहां पर अतिवर्षा के कारण बाढ़ की संभावना रहती है उनके आसपास स्थानों को राहत शिविरों के रूप में चिन्हित किया जाये और आवश्यक तैयारियों के संबंध में कार्ययोजना बनायी जाये और विद्युत व्यवस्था के संबंध में निर्देशित किया गया कि खराब डीपी या तिरछे खम्बे को ठीक करने की कार्यवाही समय पूर्व कर ली जावे।
बाढ़ एवं अतिवर्षा के कारण निर्मित आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पूर्व सूचना एवं प्रचार-प्रसार प्रणाली के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है, जिसका दूरभाष क्रमांक 0742-250415 है, इसके नोडल अधिकारी अधीक्षक भू-अभिलेख राकेश कुमार ढोडी रहेंगे। इस दौरान बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक द्वारा सुझाव दिया गया कि राहत कैंप के लिए आवश्यक सुविधाओं के लिए भवन, शौचालय तथा आवश्यक सामग्रियों को पूर्व से ही चिन्हित कर रखा जावे।
सभी अनुविभागीय अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद अपने क्षेत्र में जोन चिन्हित करें और उनमें पर्याप्त शासकीय अमले को नियुक्त करने हेतु चिन्हित किया जाये एवं उसके लिए आवश्यक प्रशिक्षण भी कराया जावे। बैठक के दौरान जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया गया कि डेम का जलस्तर बढ़ने पर प्रतिदिन रिर्पाेटिंग के लिए कार्य योजना तैयार की जावे। लोक निर्माण विभाग एवं वन विभाग को निर्देशित किया गया कि जिन स्थानों पर नाके बनाये जाना हैं, उसके लिए आवश्यक तैयारियां करना सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान आपदा प्रबंधन से संबंधित टीम को निर्देशित किया गया कि आपदा चेतावनी एवं प्रतिक्रिया प्रणाली से संबंधित पोर्टल पर प्रविष्टि हेतु टीम को तैयार रखा जावे।
बाढ़ संभावित क्षेत्रों के नजदीक भवन अथवा पेड़ों को चिन्हित कर अलग-अलग हरा, पीला एवं लाल रंग के संकेतक कलर पेंट कराये जावें। जिससे की जलस्तर का पता लगाया जा सके। बैठक के दौरान खाद्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि राहत केंद्रों में राशन भेजने हेतु प्लान तैयार कराय जावे, मुख्य रूप से बमोरी के सोढा ग्राम हेतु अगले तीन माह का अग्रिम राशन उपलबध कराने हेतु शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा जावे। जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया गया कि विभाग द्वारा निर्मित डेम के लीकेज एवं मरम्मत कार्य समय पूर्व दुरूस्त कराय लिया जावे, इसी दौरान ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित ऐसे तालाबों की सूची बनायी जाये जहां जल स्तर बढ़ने पर बाढ़ की संभावना हो, उससे निपटने हेतु पूर्व तैयारी कर ली जावे। सभी अनुविभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को रूकने के लिए स्थान चिन्हित कर लिया जावे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि चिन्हित स्थान एवं गांवों में गर्भवती महिलाओं की सूची पूर्व से ही तैयार करा ली जावे, आवश्यकता पड़ने पर उनके उपचार की व्यवस्था हो सके साथ ही संर्पदंश के दौरान एंटीवेनम इंजेक्शन के पर्याप्त स्टाक रखा जावे। वन विभाग को निर्देशित किया गया कि सर्प पकड़ने वाले व्यक्तियों को भी चिन्हित किया जावे। चिन्हित गांवों में दो आपदा मित्र की सूची तैयार करायी जावे और उन्हें आवश्यक उपकरण प्रदान करें, जिससेआवश्यकता होने पर उनका उपयोग किया सके। इसी दौरान शहरी क्षेत्र की ऐसी बस्तियां जहां अंदर पानी घुसता है उनको चिन्हित करें एवं नालियों की सफाई समय पर की ली जावे, इस संबंध में सभी नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिये गये।
सभी अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद चिन्हित स्थल एवं ग्रामों का संयुक्त भ्रमण कर आवश्यक तैरूारियां सुनिश्चित करें एवं राहत कैंपों के लिए दल बनाकर कर्मचारी नियुक्त करने की तैयारी करें। बैठक के दौरान निर्देशित किया गया कि ऐसी नदियां जिनके बीच में मंदिर हैं और वहां पुजारी/ आमजन रहते हैं उनको पूर्व से ही चिन्हित कर लिया जाये और उन्हें आपदा की स्थिति में सुरक्षित निकालने की कार्यवाही की जा सके। इस दौरान पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि चिन्हित गांव में पशुओं की गणना कर ली जावे और आपात स्थति में उनके चिकित्सा की क्या व्यवस्था रहेगी इसका प्लान तैयार करें। इस संबंध में आगामी बैठक 30 जून 2023 को आयोजित की जावेगी। जिसमें संबंधित विभाग द्वारा अपनी कार्ययोजना का प्रजेंटेशन दिया जावेगा।
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