शाजापुर। साहित्य परिषद के तत्वाधान में काव्य गोष्ठी का आयोजन किले के अंदर शासकीय ग्रन्थालय के हाल में आयोजित किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध शायर हनीफ राही, साहित्य परिषद के अध्यक्ष जितेन्द्र देवतवाल ज्वलंत ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर, दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
कवि अर्पित शर्मा ने तो तुम कहां थे अपनी शानदार रचना प्रस्तुत की। प्रसिद्ध शायर हनीफ राही ने तरन्नुम में ग़ज़ल सुनाकर समां बांध दिया। कविता पुंताम्बेकर ने क्यों रूला रहे हो मेघ बरसों एक बार गीत में प्रकृति चित्रण कर सुंदर गीत प्रस्तुत किया। जितेन्द्र देवतवाल ज्वलंत ने साज़िश रचना अपने नये ही अंदाज में कविता प्रस्तुत की। शायर मशहूर शाजापुरी ने हास्य की फुलझडियां सुनाकर सबको लोट पाट कर दिया। प्रसिद्ध कवि पंकज पलाश ने गीत सुनाकर महफिल में रंग जमा दिया। पटवारी गोविन्द कुम्भकार ने अपने उदबोधन में कहा कि साहित्य समाज के प्रतिबिंब को हमारे सामने प्रस्तुत कर अपनी संस्कृति से रु-ब-रु कराता है। कार्यक्रम का संचालन जितेन्द्र देवतवाल ज्वलंत ने किया व आभार प्रमोद वैद्य ने माना।