इंदौर। अक्षय बम के नाम वापसी के बाद सोमवार शाम को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन पहुंचे। बम के नाम वापस लेने के चलते यहां कार्यकर्ताओं ने जमकर नाराजगी जताई। संवाददाताओं से चर्चा में पटवारी ने कहा इंदौर बुद्धिजीवियों का शहर है, यह वह शहर है जिसने विधानसभा का चुनाव हो, महापौर के चुनाव हो या फिर लोकसभा का चुनाव, भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन दिया है, ताकत दी है।
अब भाजपा ने इस ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। भाजपा के लोगों ने इंदौर शहर का अपमान किया है। वोटरों को चुनौती दी है कि लोकतंत्र अपनी जगह ताकतवर है, लेकिन हम कुछ भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा अब पार्टी इस मामले में सोच-समझकर निर्णय लेगी।
मोती सिंह का फॉर्म क्यों रिजेक्ट हुआ?
कांग्रेस की ओर से बम के साथ मोती सिंह पटेल ने भी फॉर्म जमा किया था। बी-फॉर्म अक्षय को मिला और उनके फॉर्म में किसी तरह की दिक्कत नहीं थी। इसलिए कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार जब बम हुए तो पटेल का फॉर्म रिजेक्ट हो गया। पटेल ने भी पार्टी से ही फॉर्म जमा किया था, यदि वे निर्दलीय भरते तो उसमें 10 प्रस्तावक चाहिए थे। पटेल के प्रस्तावक कम थे, इसलिए उनका फॉर्म रिजेक्ट हुआ, नहीं तो वे निर्दलीय भी लड़ सकते थे।
सपा और आप का भी विकल्प नहीं बचा
कांग्रेस उम्मीदवार के जाने के बाद कांग्रेस के पास विकल्प होता सपा या आप प्रत्याशी को समर्थन देने का। लेकिन इंडिया गठबंधन के कारण आप और सपा ने पहले ही अपने प्रत्याशी नहीं उतारे।