NEWS: छोटीसादड़ी में सात दिवसीय भागवत ज्ञान गंगा का आयोजन, पं. भीमाशंकर शास्त्री बोले राजनीति में धर्म होना चाहिये,धर्म मे राजनीति नही, पढें खबर
छोटीसादड़ी। कथा समाज को संस्कारवान बनाने के लिए है। मनोरंजन के लिए नही। राजनीति में धर्म होना चाहिए,धर्म में कभी राजनीति नहीं होनी चाहिए। ये बात बाबा रामदेव विकास समिति के तत्वाधान में बाबा रामदेव मंदिर प्रांगण में
आयोजित सात दिवसीय भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के चौथे दिन शुक्रवार को कथा वाचक पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने पूर्व सांसद उदयलाल आंजना, नगर कांग्रेस अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा,पूर्व जिला परिषद सदस्य घनश्याम आंजना,अमृतलाल बंडी रामप्रसाद शर्मा, गोवर्धन आंजना आदि राजनीतिक दलों के सदस्यों व पदाधिकारियो की मौजूदगी में कहीं। भीमाशंकर शास्त्री ने आगे कहा कि बेटियों को शिक्षित बना चाहिए। खूब पढा लिखाना चाहिए। लेकिन पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ धर्म और संस्कार की शिक्षा भी आवश्यक है। बालिका कोे शिक्षित बनाना ही लक्ष्य नही उसे गुणवान बनाना भी आवश्यक है।
अच्छी और बुरी संगति के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी संगति से शक्ति का उत्थान हो जाता है और बुरी संगति से व्यक्ति का पतन होता है। इसलिए मनुष्य को अच्छी संगति करनी चाहिए। उन्होंने महिलाओं को संतोषी बनने की शिक्षा देते हुए कहा है कि पीहर में महिलाओं को संतोषी बनकर जीना चाहिए क्योंकि पीहर से जो भी मिले,चाहे कैसा भी हो। उसे अनमोल समझना चाहिए। क्योंकि पीहर में आपकी मांग आपका अपमान कर सकती है, इसलिए अपनी मांग से अपमानित होने के बजाय संतोषी बने।
उन्होंने कहा कि आज लोग धन के पीछे भाग रहे है। अपनी आठवीं पीढ़ी तक की चिंता करते हुए उसके लिए भी धन संग्रह करने के प्रयास में लगे रहते है। लेकिन पुत्र सपुत है तो चिंता करने की जरुरत नहीं है। क्योंकि वह स्वयं कमाकर खा लेगा और यदि पुत्र कपुत है तो जितना आपने कमा कर छोड़ा है उसे कुछ समय में पूरा कर देगा। आठवीं पीढी तक की चिंता नहीं करें। मन के रोग से ही तन का रोग आता है। चिता मुर्दे को जलाती है और चिंता जिन्दे को जला देती है।
पितृ देवो की मुक्ति करवाना चाहिए। उनके लिए स्थान बनाकर पूजा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आने वाली पीढ़ी को वाट्सएप व फेसबुक के चलते समय नहीं मिलता। इसलिए वह पूजा पाठ नहीं कर सकते। इसलिए पितृ देवो की मुक्ति का उपाय करना चाहिए। क्योंकि धर्म ग्रंथों की जब से अवमानना हुई है,तब से पितृ देवो के चबूतरे अर्थात स्थान बनना प्रारंभ हुए हैं। शुक्रवार को सात दिवसीय कथा के चौथे दिन कथावाचक पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने बड़ी तादाद में मौजूद महिला पुरुष श्रद्धालुओं को वामन अवतार लक्ष्मी का राजा बलि के पास राखी लेकर जाना,गौकृष्ण, जन्म उत्सव उत्साह पूर्वक हर्षोल्लास के साथ जीवंत झांकियां प्रस्तुत करते हुए मनाया गया। पांडाल में कृष्ण जन्म उत्सव को लेकर गुब्बारों फूलों आदि से सुशोभित किया गया। ढोल नगाड़ों के साथ बाबा रामदेव मंदिर से टोकरी में नाना बालक कृष्ण बनकर सुलाया गया। नंद बाबा बंनकर एक व्यक्ति सिर पर टोकरी उठाए हुए और पीछे शेषनाग की छाया किए हुए पांडाल में प्रवेश किया। जीवंत झांकी का प्रवेश होते ही मौजूद श्रद्धालुओं ने खूब जय जयकारा लगाए। पूरा पांडाल जय जयकारों से गूंज उठा,लोगों ने भी झांकी के दर्शन कर श्रद्धा पूर्वक दान किया।
पंडित शास्त्री ने प्राप्त दान और उन्हें मिलने वाली राशि बाबा रामदेव विकास समिति को मंदिर विकास के लिए भेंट करने की घोषणा की। क्षेत्र में हो रही रिमझिम बारिश के चलते केसुन्दा,बसेड़ा,नाराणी,धामनिया, मलावदा,गोमाना,बरखेड़ा, धामनिया जागीर, स्वरूपगंज, चौहानखेड़ा, गाPडरियावास सहित कई गांव से बड़ी तादाद में श्रद्धालु कथा श्रवण करने बाबा रामदेव मंदिर परिसर के कथा स्थल पर पहुंचे।