नीमच। देश और शहर के लिए तरक्की व अमन की दुआएं लेकर पैदल 53 अकीदतमंद जायरीन यात्रियों का जत्था आज विश्व प्रसिद्ध गलियाकोट दरगाह पर जियारत के लिए रवाना हुआ। यह 53 जवान जायरीन 210 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर 26 जनवरी गुरुवार को गलियाकोट पहुंचकर बाबजी मौला फखरुद्दीन शहीद की मजार पर माथा टेकेंगे। यात्रा का उद्देश्य मुल्क के लिए प्रगति, नीमच शहर की तरक्की और अमन व दाऊदी बोहरा समाज के 53 वे धर्मगुरु सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की दीर्घायु की कामना करना है। यह पैदल जत्था आज दोपहर 2 बजे बोहरा कॉलोनी से शहर के मुख्य मार्गो से होता हुआ गलियाकोट के लिए रवाना हुआ। यात्रा में शामिल जायरीन राष्ट्रीय ध्वज लेकर हिंदुस्तान जिंदाबाद, या बाबजी, या हुसैन के नारे गुंजायमान करते हुए चल रहे थे।
बताते चलें कि मौलाई फखरुद्दीन शहीद की दरगाह के बारे में यह आम रिवायत है की यहां जियारत करके जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह पूरी होती है। विश्व के कोने-कोने से लाखों की संख्या में लोग यहां पर अपने दिल की मुराद लेकर पहुंचते हैं। नीमच के बोहरा समाज के युवा भी हर साल निरंतर पिछले 6 वर्षों से पैदल चलकर गलियाकोट बाबजी मौला की दरगाह पर जा रहे हैं। शुरुआत में केवल 3 युवाओं से यह सफर शुरू किया गया था, अबकी बार इसमें 53 लोग शामिल है। गलियाकोट जाने वाले पैदल जायरीनों का बौहरा बाजार के बाहर अली फाउंडेशन के अली असगर गोहर,अब्बू साकरिया एवं बौहरा समाजजनों द्वारा मुंह मीठा कर फूलों से स्वागत किया गया।