नीमच। श्री सत्यनारायण व्रत व श्री हनुमान जयंती उत्सव पूर्णिमा गुरूवार को होगा। इसी दिन से वैषाख स्नान प्रारंभ होगा। भावी उत्सवों की जानकारी देते कर्मकाण्डीय विप्र परिषद नीमच के अध्यक्ष पं. राधेश्याम उपाध्याय ने बताया कि वैषाखी चौथ ता. 9 रविवार को है, इस दिन चन्द्रदर्शन रात्रि 10.15 पश्चात होंगे। शीतला पूजन बुढा बासोडा अष्टमी गुरूवार ता. 13 अप्रैल को, वरूथिनी एकादशी रविवार 16 अप्रैल को, सोम प्रदोष ता. 17 को रहेगा। आगे मास शिवरात्रि ता. 18 को, पितरों की अमावस ता. 19 को व देव कार्ये अमावस्या 20 अप्रैल को रहेगी। इसी दिन से ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ होगी। इसी क्रम में ता. 21 अप्रैल को ऋषि पाराषर जयंती, 22 अप्रैल को त्रेतायुग प्रारंभ तिथि अक्षय तृतीया राजराजेष्वर भगवान श्री परषुराम जयंती रहेगी। आखा तीज को कृत दान स्नान हवन जप अनन्त फलदायी मान्य हैं यथा स्नात्वा हुत्वा च दत्वा च जप्त्वांन अनन्त फलं लभेत... अतः अक्षय तृतीया स्वयंसिद्ध पवित्र श्रेष्ठ दिवस होने के कारण लोक में अबूझ मुहूर्त्त के रूप में मान्य है। इसीलिए बिना मुहूर्त्त पूछे विवाहादि आयोजन की परम्परा है। ता. 25 अप्रैल को श्री आद्य षंकराचार्य जयंती, 26 को गंगा सप्तमी तथा 27 अप्रैल को गुरू पुष्य अमृत योग है। ता. 28 अप्रैल को बृहस्पति गुरू तारा उदय होगा। 29 को माता जानकी नवमी होगी। उपरान्त 1 मई सोमवार को मोहिनी एकादषी व्रत रहेगा तथा अगस्त्य तारा अस्त होगा। प्रदोषव्रत 3 मई को तथा 4 मई नृसिंह जयंती व्रत उत्सव मनाया जाएगा। कथा सार यह कि जब हिरण्य कष्यप संहार करके भगवान नृसिंह कुछ षांत हुए तो, प्रहलाद ने निवेदन किया कि अन्य भक्तों की तुलना में मुझ पर विषेष कृपा क्यों, तब भगवान ने कहा कि पूर्व जन्म में तुम अज्ञानी, विद्याहीन वासुदेव नामक ब्राम्हण थे। एक बार मेरे व्रत के दिन (वैषाख षुक्ल 14) संयोग से तुमने न जल पिया, न भोजन किया न षयन किया एवं ब्रम्हचर्य का पालन किया। जिससे स्वतः तुमसे व्रत उपवास जागरण हो जाने के फलस्वरूप तुम भक्त प्रहलाद हुए। उपरान्त ता. 5 मई को पीपल पूर्णिमा व वैषाख स्नान पूर्ण होगा। जानकारी मीडिया प्रमुख पं. राहुल षर्मा ने दी।