चित्तौड़गढ़। निम्बाहेडा क्षेत्र के पिपलिया कला में विशाल बौद्ध धम्म संगति समारोह आयोजित किया गया। बुद्धि और विवेक से चलना ही है धम्म, नैतिकता ही धम्म है, धम्म ही नैतिकता पर आज यहां दिल्ली से आए पुर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी बात को मानने से पहले जानो और समझो सोचो। उन्होंने बताया कि सरकारी विद्यालयों से 98 प्रतिशत लोग निकले हैं पढ लिखकर, और बने है बडे अधिकारी नेता राज नेता, निजी स्कूलों की क्या आवश्यकता है।
गौतम ने कहा कि बुद्धि और विवेक से चलना ही धम्म है। ग्वालियर से आए धम्माचार्य भंते डाक्टर संघ रतन मेत्रे ने बताया कि बौद्ध धम्म में समता ,समानता, करुणा और दया है। हमें तथागत भगवान बुद्ध को समझ कर उनके बताए मार्ग पर चलना होगा, तभी जीवन में बदलाव संभव है । उन्होंने कहा कि अपने भीतर धन्यवाद की भावना तथा मंगल भावना जगाऐ। हमारे भीतर निर्णय लेने की क्षमता होना आवश्यक है। धम्म को नही समझना ही शुद्र है। पिपलिया कला में सामाजिक कार्यकर्ता एवं कार्यक्रम संयोजक देवीलाल मीणा को उनके द्वारा बौद्ध विहार के लिए जमीन दान करने पर उनका तथा उनके परिवार जन का सामाजिक सम्मान किया गया।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी के संरक्षक निर्मल देसाई तथा जिलाध्यक्ष मदन सालवी ओजस्वी के नेतृत्व में भगवान लाल रेगर, बाबूलाल जटिया, मेवालाल बलाई, अम्बालाल सेरसिया, भंवरलाल भांभी, अम्बालाल सालवी, गगांराम मेघवाल, आदि द्वारा बाबा साहब की तस्वीर भेंटकर उपरना ओढाकर सामाजिक सम्मान किया गया। क्षेत्र के कनेरा में 14 अप्रैल को बाबा साहब की प्रतिमा की स्थापना और अनावरण के ऐतिहासिक कार्य के लिए उल्लेखनीय कार्य करने पर वहां के जगदीश चंद्र बलाई व टीम का भी भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा सामाजिक सम्मान किया गया।
चितोडगढ से प्रोफेसर निरमल देसाई ने सम्बोधित करते हूऐ बताया कि अभी भी हम ही आपस में नफरत ओर भेदभाव करते हे, पहले हम आपस में समानता समरसता लाऐ। इंसाफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमृतलाल सिंह, वंचितों के शुभ चिंतक लेखक हरिराम जाट, तथा धम्म प्रिय सूरतगढ़ से राजेंद्र के निबान, ओमप्रकाश गाड़ी लोहार उपाध्यक्ष नयागांव एवं अर्जुन बघेला आदि ने बुद्ध पूर्णिमा पर सभी आमजन को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए अपने भीतर चेतना जागृति लाने का आह्वान किया।
चित्तौड़गढ़ से अंबेडकर विचार मंच के जिला अध्यक्ष सुरेशचंद्र खोईवाल तथा हंसराज सालवी एवं किशन लाल सालवी, दिनेश सालवी, लालूराम सालवी तथा शंकरलाल मेघवाल बिलडी आदि भी उपस्थित रहे। इसके साथ ही देश भर से उज्जैन ग्वालियर, दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के कोने कोने से अनेकों बुद्ध धम्म प्रेमी जन, बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष तथा युवा सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।