भोपाल। शहर में 1 अप्रैल से पंपों पर पेट्रोल डीजल की किल्लत हो सकती है। इंडियन ऑइल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल और डीजल सप्लाई करने वाले रिलायंस डिपो ने एनजीटी के आदेश का हवाला देकर 1 अप्रैल से मौजूदा टॉप लोडिंग यानी ऊपर से भरने वाले टैंकरों की बजाय बॉटम लोडिंग यानी नीचे से भरने वाले टैंकर से ही सप्लाई करने का फैसला लिया है।
पेट्रोल पंप डीलर्स के पास अभी बॉटम लोडिंग टैंकर नहीं हैं। नया टैंकर बनने में सात से आठ माह का समय लगेगा। पेट्रोल डीलर्स के अनुसार हमें 20 दिन पहले नए नियम की जानकारी दी गई। हालांकि भारत पेट्रोलियम के डिपो से अभी भी टॉप लोडिंग टैंकर से ही सप्लाई हो रही है। ऐसे में शहर के 170 पेट्रोल पंप में से केवल 45 में ही पेट्रोल मिल सकेगा।
बाहर से बुलवाना पड़ेगा
मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट अजय सिंह ने कहा कि पेट्रोल और डीजल बाहर से बुलवाना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में कई पंप संचालक सागर और इटारसी डिपो सहित अन्य शहरों से भी पेट्रोल डीजल बुलवाएंगे। इसमें 48 घंटे से 72 घंटे का समय लग सकता है। यानी पंपों पर एक-दो दिन के अंतर से पेट्रोल - डीजल मिलेगा।
एसोसिएशन के पदाधिकारी नकुल शर्मा ने कहा कि कंपनियां हमें कुछ और समय दे दें तो व्यवस्था बनाई जा सकती है।
फिलिंग के दौरान निकलती है खतरनाक गैसें
दरअसल, पेट्रोल डीजल की फिलिंग के दौरान खतरनाक गैसें निकलती हैं, टॉप फिलिंग होने पर यह वातावरण में चली जाती हैं, जबकि बॉटम फीलिंग से इसे रोका जा सकता है।
एनजीटी ने 2019 में दिया था आदेश
एनजीटी की प्रिंसिपल बैंच ने 2019 में पेट्रोल और डीजल टैंकरों को टॉप लोडिंग के बजाय बॉटम लोडिंग में बदलने का आदेश दिया था। बड़े शहरों में यह फैसला लागू हो चुका है, अब भोपाल में इसे लागू किया जा रहा है।