जबलपुर। वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उनकी समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं सीएम ने कहा कि जबलपुर एयरपोर्ट और फ्लाईओवर का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जबलपुर-मंडला के बीच सबसे बड़ा स्टेडियम बनाया जाएगा।
वीरांगना रानी दुर्गावती की जनशताब्दी वर्ष पर प्रदेशभर में कई कार्यक्रम अयोजित किए जा रहे है। इसी के तहत सोमवार को जबलपुर में रानी दुर्गावती के बलिदान स्थल पर भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने रानी दुर्गावती के समाधि स्थल नर्रई नाला पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने समाधि स्थल पर पौधारोपण भी किया। इस अवसर पर सीएम ने पगड़ी पहन कर आदिवासियों के साथ सैला नृत्य भी किया।
रानी दुर्गावती ने दुश्मनों के दांत किए खट्टे- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 वर्ष पहले एक ऐसी वीरांगना ने जन्म लिया जिसने भारत का मान बढ़ाया। रानी दुर्गावती के 461वें बलिदान दिवस पर पूरे प्रदेश में जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है, जो बेहद गौरव की बात है। इस मौके पर सीएम ने रानी दुर्गावती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनने दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए अंग्रेजों से लोहा लिया था। रानी दुर्गावती ने न केवल कुशल नेतृत्व किया बल्कि कुशल प्रबंधन भी किया, जिसका जीता जागता उदाहरण आज के इतने विशाल जल स्त्रोत है। गोंडवाना साम्राज्य में जितने भी जल स्रोत हैं, वह रानी दुर्गावती के द्वारा ही बनाए गए हैं। हमने रानी दुर्गावती के बलिदान को याद करते हुए मध्य प्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक भी जबलपुर में आयोजित की थी।
रानी दुर्गावती के नाम पर होगा जबलपुर एयरपोर्ट का नाम
कार्यक्रम की अगली कड़ी में यानी कि वेटरनरी ग्राउंड में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि बड़ी ही सौभाग्य की बात है कि, जबलपुर रानी दुर्गावती की बलिदान स्थली है। सीएम ने लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की मांग पर जबलपुर एयरपोर्ट का नाम रानी दुर्गावती के नाम करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने घोषणा कर दी कि जबलपुर में बन रहे मध्य प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर का नाम भी रानी दुर्गावती के नाम पर किया जाएगा।
जबलपुर-मंडला के बीच बनेगा भव्य स्टेडियम
यही नहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि जबलपुर और मंडला के बीच में एक भव्य स्टेडियम भी बनाया जाएगा। रानी दुर्गावती ने अकेले 52 युद्ध लड़े, रानी दुर्गावती का गौरवशाली इतिहास है जिसे समाज के सामने आना चाहिए। इसलिए हम रानी दुर्गावती का गौरवशाली इतिहास पाठ्य पुस्तक के माध्यम से पढ़ा रहे है। रानी दुर्गावती के जन्म शताब्दी वर्ष पर अब सरकार हर महीने कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित करेगी।