भोपाल। महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को रोज आंगनवाड़ी पहुंचकर संपर्क एप के माध्यम से फोटो सहित अटेंडेंस लगाने के आदेश से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। वे 19 जुलाई को हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। 15 मई से महिला बाल विकास डायरेक्टरेट ने प्रदेश की 84000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि हर रोज संपर्क के माध्यम से आंगनवाड़ी पहुंचकर फोटो सहित अटेंडेंस दर्ज करें।
साथ ही आंगनवाड़ी में मिलने वाले भोजन-नाश्ते सहित आंगनवाड़ी भवनों की सुविधाओं का डेटा भी एप में फीड करना है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका मिनी कार्यकर्ता संयुक्त मोर्चा की पदाधिकारी सुमित्रा अहिरवार ने कहा कि बड़े अधिकारी लाखों की सैलरी पाते हैं पर लोकेशन कार्यकर्ताओं की ट्रेस हो रही है, जो गलत है।
आरोप- फोन रिचार्ज भी हम खुद कराते हैं
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश महासचिव हाजरा काजमी ने कहा कि विभाग ने सालों पहले 3 जी फोन दिए थे, रिचार्ज भी खुद कराना पड़ता है। कई बार नेटवर्क नहीं मिलता। अब लोकेशन ट्रेस की जा रही है। 9 बजे अटेंडेंस लगाने का आदेश है।
कमिश्नर बोलीं- दबाव नहीं डाला जाएगा
विभाग की कमिश्नर सूफिया फारुखी वली ने भास्कर से चर्चा में कहा कि अटेंडेंस को लेकर कोई कार्रवाई नहीं होगी। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं किसी कार्यकर्ता को एप को लेकर धमकी या दबाव नहीं डाला जाए। हालांकि डेटा अपलोड करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि 9 से 11 बजे तक 70ः से अधिक अटेंडेंस लग जाती है। पोषण ट्रैकर में मां-बच्चों का रजिस्ट्रेशन होता है जबकि संपर्क ऐप में आंगनवाड़ी की सुविधाओं को ट्रैक किया जाता है। केंद्रों की कार्यप्रणाली बेहतर करने के लिए टेक्नोलॉजी का ट्रायल चल रहा है।