टीकमगढ़। देश में 1 जुलाई से हो रहे नए आपराधिक कानून के संबंध में आज आदित्य होटल में बैठक का आयोजन किया गया।थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी ने नए कानून के तहत सजा प्रावधानों व डिजिटल साक्ष्यों की मान्यता व साक्ष्य संबंधी प्रस्तुतिकरण की प्रक्रिया के सरलीकरण के दिशा में किए गए प्रबंधों की विस्तार से जानकारी दी। नए अपराधिक कानून के संशोधन पर एपीओ नामदेव जी ने बताया कि नई भारतीय न्याय संहिता 2023 में व्यापक बदलाव किए गए है। अपराधिक प्रकरणों के फैसले के लिए भी समय-सीमा निर्धारित की गई है। एसडीओपी अभिषेक गौतम ने बताया कुछ अपराध ऐसे थे, जो किसी भी अपराध की धाराओं में नहीं आते थे, वे छूट जाते थे। उसके लिए धारा लाई गई है। जीरो एफआईआर की व्यवस्था के साथ अब ई-एफआईआर की व्यवस्था लागू की जाएगी। जतारा विधायक हरिशंकर खटीक ने बताया कोई भी व्यक्ति अपने संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करा सकता है, लेकिन इसके लिए ई-एफआईआर रजिस्टर्ड करने के तीन दिनों के भीतर संबंधित थाने में पहुंचकर वेरिफाई कराना आवश्यक होगा। तभी ई-एफआईआर मान्य होगा। अगर तीन दिन के भीतर संबंधित थाने में प्रार्थी नहीं पहुंचेगा तो वह ई-एफआईआर मान्य नहीं होगी। असल में यह व्यवस्था नागरिकों के लिए इसलिए शुरू की जा रही है, ताकि समय पर अपनी शिकायत थाने में दर्ज करा सके। महिलाओं और बच्चों के लिए भी नई संहिता में चौप्टर जोड़ा गया है। आईपीसी की धाराएं अलग-अलग थी, उसे संगठित किया गया है। मॉब-लिंचिंग में नई धारा जोड़ी गई है। धारा 103 (2) के तहत अपराध दर्ज किया जाएगा। साथ ही इसमें सजा का भी प्रावधान किया गया है। महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराध में भी संशोधन किया गया है। साथ ही बैठक में यह भी बताया कि जब्ती के प्रकरणों में विवेचकों को वीडियोग्राफी अनिवार्य रूप से कराना होगा। बैठक में सभी विभाग के कर्मचारी अधिकारी,नगर के गणमान्य नागरिक सहित मीडिया कर्मी उपस्थित रहे।