खंडवा। बड़े पैमाने पर जंगलों की कटाई कर खेत बना दिए गए है। करीब 10 हजार एकड़ वन क्षेत्र में सोयाबीन फसल की बुआई भी हो चुकी है। इन सबके बावजूद वन विभाग हाथ पर हाथ धरा बैठा है। वन विभाग माफिया के आगे नतमस्तक हो गया है। कार्रवाई ना होने को लेकर क्षेत्र के लोग सोमवार को भोपाल में प्रदर्शन करेंगे। वे मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात कर जंगल बचाने की अपील करेंगे।
जिले में गुड़ी-खालवा रेंज के अंतर्गत आने वाले भिलाईखेड़ा, नाहरमाल और सरमेश्वर क्षेत्र के जंगलों को साफ कर दिया है। खरगोन, बड़वानी और अलीराजपुर क्षेत्र से आए माफिया ने खेत तैयार कर लिए। इस बार सोयाबीन की बुआई भी कर दी। लेकिन उन्हें रोकने के लिए वन विभाग ने कोई प्रयास नहीं किए।नाहरमाल के सरपंच सतीश साठे का कहना है कि हम लोगों ने हजारों बार कलेक्टर, वन विभाग के डीएफओ से शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। 10 फोर व्हीलर गाड़ियों से 150 लोग सोमवार को भोपाल पहुंचेंगे। जहां मुख्यमंत्री कार्यालय पर विरोध दर्ज करवाएंगे। सीएम से मिलकर जंगल बचाने का आग्रह करेंगे।
वन अधिकारियों पर रिश्तेदारी निभाने का आरोप
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि जंगलों से सटे गांव का कोई व्यक्ति यदि जलाऊ लकड़ी काट ले तो उस पर मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है। लेकिन 10 हजार एकड़ के जंगल काटने वाले बाहरी लोगों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। यह तो सरकार और वन विभाग के मुंह पर तमाचा है। खंडवा वन विभाग में पदस्थ अधिकांश अधिकारियों के माफिया से संबंध है। अधिकारी जिन जिलों से ताल्लुकात रखते है, माफिया भी उन्हीं जिलों से आते है। आरोप है कि कहीं ना कहीं अधिकारी भी रिश्तेदारी निभाते है।