इंदौर। सांवेर रोड स्थित स्कूल श्री भारतीय संस्कृति शिक्षा संस्थान ट्रस्ट (विश्वनाथ धाम) में नए शैक्षणिक सत्र में अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। छात्रों को देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के अवगत करवाने और लोकतंत्र का महत्व समझाने के लिए इस साल स्कूल के स्टूडेंट काउंसिल के चुनाव लोकसभा चुनावों की ही तर्ज पर करवाए जा हो रहे हैं। इसमें स्कूल के 5वीं और उससे बड़ी कक्षा के 200 छात्र अपने हेड गर्ल, हेड बॉय के लिए वोट देंगे, सभी हाउस अपने-अपने उम्मीदवारों को खड़ा करेंगे। इसके लिए 2 छात्रों को इलेक्शन कमिश्नर भी बनाया गया है।
किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान देने और वोटिंग के महत्व को समझाने के उद्देश्य से स्कूल द्वारा यह गतिविधि आयोजित की जा रही है। इसमें सोमवार और मंगलवार को फॉर्म भरने, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को प्रचार करने, शनिवार को वोट डालने और अगले सोमवार को मतों की गणना के बाद मंगलवार को शिक्षकों द्वारा परिणाम घोषित किए जाएंगे।
बैलेट पेपर और बैलेट बॉक्स भी बनाए जाएंगे
स्कूल प्रिंसिपल रचना जैन ने बताया कि इसमें प्रेसीडेंट पद के लिए 12वीं कक्षा के छात्र ही चुनाव लड़ेंगे। हेड बॉय और हेड गर्ल 11वीं से, वाइस हेड बॉय और वाइस हेड गर्ल 10वीं से और डिसिप्लीन इंचार्ज भी 12वीं से चुने जाएंगे। वोटिंग के 24 घंटे पहले से प्रचार रोक दिया जाएगा। बैलट पेपर और बैलट बॉक्स भी बनाए जा रहे हैं। रचना जैन ने बताया कि इसके अलावा कई नवाचार किए जाते हैं जिनमें क्रिकेट, फुटबॉल के अलावा नियमित योगाभ्यास, मलखंब, कबड्डी, खो-खो जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देना शामिल है। पिछले साल एवं इस साल भी संस्था के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बेटी सुहाना विश्वकर्मा और मानसी रॉय ने इंदौर में आयोजित राष्ट्रीय योग प्रतियोगी में शानदार प्रदर्शन करते हुए क्रमशः कांस्य और सोने का पदक जीता है।
सीबीएसई मापदंड अनुसार हो रही एक्टीविटी
स्कूल प्रबंधन से जुड़े सचिव पंकज मित्तल ने बताया की स्कूल में सीबीएसई के बताए सभी मापदंडों का पालन करते हुए बच्चों को सभी एक्टीविटी बेस्ड लर्निंग के अवसर दे रहा है। इसमें प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल लर्निंग के माध्यम से बच्चों को कंसेप्ट सिखाए जाएंगे। इसके लिए साइंस एग्जीविशन और कंप्यूटर एजुकेशन से जुड़े कोर्स और एक्टीविटीज भी कराई जाएगी। सहसचिव रमाकांत अग्रवाल और कोषाध्यक्ष धीरेन पटेल ने बताया की 1993 में महामंडलेश्वर बालकृष्ण यतिजी महाराज के सान्निध्य में स्थापित हुए इस हरे-भरे स्कूल में सिर्फ शिक्षण ही नहीं संस्कार भी दिए जाते हैं। इसके लिए परिसर में ही एक गोशाला का निर्माण भी किया गया है, जहां 150 से अधिक गोमाताओं की देखरेख की जाती है।