इंदौर। मल्हार आश्रम में 40 से 80 वर्ष तक के सौ से ज्यादा पेड़ों की कटाई को लेकर रहवासी और पर्यावरणविद काफी व्यथित हैं। उनका कहना है कि विकास के नाम पेड़ों की बलि दी गई। रविवार सुबह रहवासियों ने तख्तियां लेकर परिसर में प्रदर्शन किया। खास बात यह कि उन्होंने कटी लकड़ियों के बीच विरोध जताया और दुखी मन से ‘जन गण’ गाकर शासन का ध्यान आकृष्ट किया।
सुबह यहां रहवासियों के साथ वाइल्ड लाइफ एजीओ से जुड़े प्रतिनिधि, वन प्रेमी संगठन, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत सहित अलग-अलग संगठनों के साथ एकत्रित हुए। इन लोगो ने पहले मानव शृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। फिर कटे पेड़ों के बीच तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और जन गन मण गाकर अपनी पीड़ा जताई।
मालवा प्रांत की अध्यक्ष दीपलक्ष्मी धामनकर, सचिव बहादुरसिंह राजपूत, देवेंद्र दुबके और रहवासियों ने बताया कि एक ओर शहर की आबोहवा के लिए 51 लाख पौधे के रोपण की प्रक्रिया शुरू हो रही है वहीं दूसरी ओर पेड़ काट दिए गए। उन्होंने ने आरोप लगाया है कि सीएम राइज गवर्नमेंट मल्टी मल्हार आश्रम स्कूल और एक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए 100 से ज़्यादा पेड़ काटे गए हैं। दूसरी ओर स्कूल के कर्ताधर्ताओं के मुताबिक 34 पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई थी और उसी के अनुसार पेड़ काटे गए हैं। दरअसल यहां कई पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं और अब वे पेड़ काटे जा रहे हैं जिन्हें रहवासियों ने एजीओ के साथ मिलकर लगाए थे। इन्हें बाकी पेड़ों को ट्रेक्टर से नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ये पेड़ यहां की पहचान हैं। ये सभी बचे हुए पेड़ों को बचाना चाहते हैं।