उज्जैन। उप संचालक कृषि आरपीएस नायक द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में रबी मौसम में कुल 449210 है. क्षेत्र में बुआई का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें मुख्यतरू गेहूं फसल 402000 हेक्टेयर एवं चना फसल 25000 हेक्टेयर एवं मटर 13000 हेक्टेयर मुख्य रूप से है। जिले में रबी मौसम की फसल का बुआई का कार्य लगभग पूर्णतः की ओर है एवं गेहूं फसल में प्रथम सिंचाई का कार्य प्रगति पर है गेहूं फसल में प्रथम एवं द्वितीय सिंचाई में यूरिया की आवश्यकता होती है। 20 नवम्बर तक जिले में यूरिया 29461 मै.टन, डीएपी 12938 मै.टन. एवं एनपीके 19446 मै.टन. उर्वरक प्राप्त हुआ है, जिसके विरूद्ध जिले में यूरिया 24611 मै.टन, डीएपी 10561 मै.टन. एवं एनपीके 16545 मै.टन. उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है। शासन से समय-समय पर आवश्यकता अनुसार निरन्तर यूरिया, एनपीके, डीएपी उर्वरक प्राप्त हो रहा है, जिसे जिले के किसानों को आवश्यकता अनुसार संबंधित सहकारी समितियों एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के द्वारा उर्वरक वितरण किया जा रहा है। किसानों से निवेदन है कि आवश्यकता अनुसार ही उर्वरक क्रय करें, अनावश्यक भण्डारण न करें एवं उर्वरक का उपयोग की अनुशंसित मात्रा में करें एवं क्रय किये गये उर्वरक का पक्का बिल आवश्यक रुप से लें। जिले में प्राप्त हो रहा उर्वरक का वितरण सुचारू रूप से वितरण हेतु विभागीय अधिकारीयों की उपस्थिति में वितरण कार्य कराया जा रहा है जिले के निजी विक्रेताओं को निम्नानुसार निर्देशित किया जाता है।
जिले में निजी उर्वरक विक्रेताओं के पास आने वाले उर्वरक की जानकारी मात्रा सहित तत्काल संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को उपलब्ध कराकर वितरण संबंधित अधिकारी की उपस्थिति में ही करायें। अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर भाव/स्टाक की सूची का स्पष्ट प्रदर्शन अनिवार्य रूप से करें। उर्वरक का विक्रय निर्धारित दर पर ही करे साथ ही विक्रय किये गये उर्वरक का रिकार्ड संधारित रखे।
कही पर भी किसी भी उर्वरक विक्रेता की शिकायत आने पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के अनुसार कार्यवाही कि जायेगी।