अकलेरा। क्षेत्र के सनखेडी गाँव में चल रही श्रीमद भागवत कथा के छठवें दिन की कथा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को धुमधाम से मनाया गया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में गाये भजन नंद घर आंनद भयो जय कन्हैया लाल की पर महिला पुरुष सब ने झूमकर नृत्य किया।
इससे पहले कथा वाचक संत बालयोगी महाराज ने बताया कि भक्त प्रहलाद के सामने कितने कष्ट आये इसके बाद भी भक्त प्रहलाद ने धर्म नही छोडा। सीताजी ने धर्म बचाने के लिए लक्ष्मण रेखा से बाहर आई थी और रावण ने सीताजी का हरण कर लिया इसके बाद सीताजी को बहुत दुख सहना पड़ा, पर धर्म नही छोडा। आज देखो लोगो को थोडा सा भी दुख आ जाता है तो लोग धर्म छोड़ देते हैं, लोग भगवान बदल लेते हैं। बालाजी ने मनोकामना पुरी नही की तो बालाजी को छोड़कर दुसरे देव की पुजा शुरू कर देते है।
बालयोगी ने बताया कि आप अपने माता पिता की सेवा नही कर रहे हो तो फिर मंदिर जाने से कोई फायदा नही है, लोग इंसान की बनाई हुई मुर्ति की पुजा कर रहा है पर भगवान के हाथ की बनाई मुरत अपने माता पिता को दो समय का भोजन भी नही खीला रहे हो ऐसी भक्ति से कुछ नहीं होने वाला है l
कथा के बिच गाये भजन रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम व प्रभु तेरा द्वार ना छुटे रे, प्रभु तेरा द्वार न छुटे रे पर श्रोता भावविभोर हो गये।
कथा के आरम्भ में कथा के मुख्य जजमान पप्पूलाल मीना ने सपत्नीक भागवत जी की पूजा अर्चना की।