मन्दसौर। जिला सयोजक राकेश शर्मा ने बताया कि मन्दसौर में 562 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हे इनमे से जिले के अधिकारी, राष्ट्रीय प्रोग्राम जैसे टीबी, कुष्ठ रोग के कर्मचारी,आयुष मेडिकल ऑफिसर, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, फार्मासिस्ट, लेब टेक्नीशियन, डाटा इंट्री ऑपरेटर, स्टाफ नर्स, एएनएम, मेल स्टाफ नर्स, स्पोर्ट स्टाफ, आदि कर्मचारी सेवा दे रहे हे। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 2013 से समय-समय पर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं, लेकिन शासन प्रशासन द्वारा हर बार आश्वासन दिया जाता है। आज तक मांगों को पूरा नहीं किया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने मागें पूरा करने न किया था वादा, लेकिन अभी कोई प्रतिक्रिया नही, कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त-
कर्मचारियों ने अभी हाल ही में 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी। जिसके बाद 3 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की मध्यस्था के चलते हड़ताल को स्थगित किया गया था। मंत्री एवं विभाग के अधिकारियों द्वारा 1 माह के भीतर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था लेकिन लगभग 3 माह हो चुके हैं, अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है जिससे प्रदेश के 32000 कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। एक बार फिर प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 18 अप्रैल 2023 से क्रमिक भूख हड़ताल पर जा रहे हैं।
प्रभावित होंगी स्वास्थ्य सेवाएं-
एक बार फिर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होगी। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। 2018 की 42 दिन की हड़ताल में भी मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं स्वीकार किया गया था कि संविदा एक शोषण व्यवस्था है इसे मैं जल्द समाप्त करूंगा इसके लिए नियमित किया जाएगा, मैं वचनबद्ध हूं।
ये हैं दो प्रमुख मांगें-
1- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा अधिकारी एवं कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर समायोजित किया जाए एवं 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान तत्काल लागू किया जाए एवं सीएचओ केडर को एमएलएचपी कैडर के तहत लिया जाए।
5 जून 2018 को सामान प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90 प्रतिशत वेतनमान दिए जाने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन कई विभागों पर यह नीति लागू कर दी गई है, लेकिन एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को इस नीति नीति से वंचित रखा गया है।
2- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउट सोर्स ठेका प्रथा में किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए एवं निष्कासित कर्मचारियों को शतप्रतिशत वापस लिया जाए।