नीमच। मप्र ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन किए है। मध्यप्रदेश ने नइ राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंगीकार किया है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा की गुणवत्ता सुधार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब प्रदेश के स्कूलों में छात्र-छात्राओं को सभी भारतीय भाषाओं की शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है। यह बात स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदरसिह परमार ने शुक्रवार को शा कन्या उमावि जावद में क्षेत्र के शिक्षकगणों से संवाद करते हुए कही।
इस मौके पर एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, विधायक दिलीप सिह परिहार, पवन पाटीदार, नपा जावद के अध्यक्ष सोहनलाल माली, उपाध्यक्ष सुचित सोनी, श्याम काबरा, सचिन गोखरू, अर्जुन माली, मुकेश जाट, गौरव तिवारी व अन्य जनप्रतिनिधि, एसडीएम शिवानी गर्ग एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिह परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत आंगनवाडी केंद्रों में पढने वाले बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था के लिए बाल वाटिका, प्रारंभ कर 3 साल तक के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होने कहा कि प्रदेश में अब तक 42 हजार पदों पर नए शिक्षकों की पद स्थापना की गई है। सितम्बर माह तक 20 हजार और नये शिक्षकों की पदस्थापना कर दी जाएगी।
एमएसएमई मंत्री सखलेचा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में गुरूजनों का योगदान अपेक्षित है। गुरूजनों के सहयोग से ही जावद क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। उन्होने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति दुनिया की सबसे अच्छी है। हम डिजीटल शिक्षा के साथ ही इंटरनेशनल स्कूलों से क्षेत्र के विद्यालय को जोडने का प्रयास करेंगे। संस्कार के साथ ही विद्यार्थियों को आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का ज्ञान भी होना जरूरी है। उन्होने रतनगढ व जाट में भी सीएम राईस स्कूल स्वीकृत करने तथा जावद क्षेत्र में दो स्वीमिंगपुल स्वीकृत करने का आगृह भी किया।
कार्यक्रम को नीमच विधायक दिलीप सिह परिहार एवं पवन पाटीदार ने भी संबोधित किया। प्राचार्य मुकेश जैन ने स्वागत उदबोधन दिया।
प्रांरभ में कन्याओं के पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। जिला शिक्षा अधिकारी सीके शर्मा, प्रलय उपाध्याय, बीके कुमावत व अन्य प्राचार्य गणों ने अतिथियों का स्वागत किया।