ग्वालियर। देशभर में ग्वालियर के जीवाजी गंज में बनने वाले तिरंगे झंडे की मांग बढ़ गई है। इसको देखते हुए मध्य भारत खादी संघ ने राष्ट्रध्वज निर्माण में लगने वाले वक्त में कमी की है। अब तिरंगे का निर्माण 45 दिन में नहीं, बल्कि 30 दिन में तैयार होगा। खादी संघ यह बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस बदलाव के पीछे मांग और आपूर्ति में लगने वाले समय का प्रबंधन करना बताया जा रहा है। इस बदलाव से 15 दिन की बचत होगी, जिससे राष्ट्रध्वज के निर्माण में गति आएगी तो माल की सप्लाई बढ़ेगी। इसको लेकर अब खादी संघ मशीन और कारीगरों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। कारीगर को छह महीने का प्रशिक्षण मिलने के बाद ही उसे तिरंगा निर्माण का कार्य दिया जाता है। इस बार 15 अगस्त पर खादीग्राम उद्योग को पिछले वर्षों की अपेक्षा पांच गुना अधिक राष्ट्रध्वज का आर्डर मिला था, लेकिन विभाग 25 फीसद ही पूरा कर सका।
तिरंगा झंडा तैयार करने में नौ मानकों को पूरा करने में 45 दिन का वक्त लगता था। अब पौनी से लेकर धागा, कपड़ा और रंगाई से लेकर निर्माण तक के कार्य को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा जा रहा है, जिससे कम वक्त लगेगा और काम अधिक होगा।
पौनी लाने से लेकर तिरंगा निर्माण तक के कार्य में करीब 45 से 50 दिन का वक्त लगता है। अब समय का प्रबंधन किया जा रहा है, जिससे तिरंगा निमार्ण में 30 दिन से अधिक का वक्त न लगेगा। इससे काम में गति आएगी तो तिरंगे का निर्माण बढ़ेगा तो सप्लाई बढ़ेगी।