नीमच। प्रदेशभर के जिलों से मानसून की विदाई हो गई है। नीमच जिले में भी इस बार मानसून की बैरूखी रही। जुलाई व अगस्त माह में मानसून की बैरूखी से फसलों को नुकसान पहुंचा। अल्प वर्षा की स्थिति से खेतों में खड़ी सोयाबीन सहित अन्य फसलें बर्बाद हो गई। इसके बाद सितंबर माह में फिर एक्टिव हुए मानसून ने बारिश के कोटे में इजाफा किया। लेकिन सितंबर माह की झमाझम बारिश भी जिले की औसत बारिश के आंकड़ें को नहीं छू पाई। गत वर्ष की तुलना में भी नीमच जिले में कम बारिश रिकॉर्ड की गई।
औसत के आंकड़े से 3.5 इंच कम बारिश-
नीमच जिले में चालू वर्षा काल में अब तक महज 29 इंच वर्षा रिकॉर्ड की गई है जो औसत बारिश 32.5 इंच के आंकड़े को भी नहीं छू पाई है। इस बार औसत से 3.5 इंच कम बारिश दर्ज हुई है। जबकि गत वर्ष जिले में इस अवधि तक 43.5 इंच से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।
जिले के जलाशयों में नहीं हुई आवक-
मानसून की बैरूखी से इस बार जिले के कई जल स्रोतों में नाममात्र के पानी की आवक हुई है। नीमच शहर की प्यास बुझाने वाले हर्कियाखाल स्थित जाजू सागर बांध में भी बारिश की अवधि में पानी नहीं पहुंचा। हर्कियाखाल बांध में पेयजल की कमी का हवाला देकर नगर पालिका ने भी शहर के नागरिकों से जल का अपव्यय नहीं करने की गुजारिश की है। वहीं किसानों ने भी आगामी फसलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस बार अल्प वर्षा की वजह से पहले ही फसलें खराब हो चुकी है।
प्रदेश के इन जिलों से विदा हुआ मानसून-
प्रदेश में सबसे पहले मुरैना और श्योपुरकलां से मानसून की विदाई हुई। इसके बाद इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, भिंड, दतिया, निवाड़ी, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, शाजापुर, आगर, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ और धार जिलों से भी मानसून विदा हुआ। शुक्रवार को भोपाल, जबलपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, कटनी, दमोह, सागर, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी और अलीराजपुर जिलों से भी विदाई की घोषणा हुई।