विदिशा। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज शनि मंदिर पर भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों को समझाइश दी गई। महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम आज प्रातः शनि मंदिर पंहुची और शनि मंदिर पर भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों से उनके परिवार एवं स्कूल सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की गई। जिसमे दो बच्चे अपनी नानी मीरा बाई ग्राम रावन तहसील नटेरन से श्राद्ध पक्ष पर शनि मंदिर के पास भिक्षा मांग रहे थे। बच्चों की नानी द्वारा बताया गया कि उक्त बच्चों के माता पिता कहीं और जाकर मजदूरी करते हैं और ये बच्चे मेरे पास ग्राम रावन में रहते है। मीरा बाई के पास आय का कोई साधन ना होने के कारण वह भिक्षा मांग रही थी। साथ ही उक्त दोनों बच्चे उन पर ही आश्रित हैं तो वो उन बच्चों को अपने साथ यहां विदिशा ले आई थीं। दल द्वारा बच्चों की नानी को बच्चों से भिक्षावृत्ति न कराने की समझाइस दी गई। वहीं दूसरी तरफ दो बच्चे अपनी माँ के साथ भिक्षा मांग रहे थे जिसमे उनकी मां ने अपना नाम बताने से मना कर दिया लेकिन जोर देने पर उसने अपने पति मोहन आदिवासी निवासी मल्हारगढ़ मुंगावली हाल मुकाम टपरिया विदिशा बताया। साथ ही उनके द्वारा बताया गया कि वह पैर से विकलांग होने के कारण वह चल नहीं पाती हैं। जिससे उन्हें मजदूरी करने में समस्या होती है, यहाँ भी बच्चों की माँ को बच्चों से भिक्षावृत्ति न कराये जाने की समझाइश दी गई है। श्राद्ध पक्ष में बेतवा नदी घाट पर और भी बच्चे भिक्षावृत्ति कर रहे थे। अतः उनके परिजनों को बच्चों से भिक्षावृत्ति न कराये जाने की समझाइश दी गयी।
उक्त कार्यवाही एवं समझाईंश महिला एवं बाल विकास विभाग से जिला बाल संरक्षण अधिकारी भरत सिंह राजपूत के निर्देशानुसार की गयी है। उक्त कार्यवाही दल अंतर्गत संरक्षण अधिकारी अनुज जैन एवं सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश ताम्रकार द्वारा की गयी।