मुरैना। कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने जिन प्रबल दावेदारों के टिकट काटे हैं, अब उन्हें साधने का काम कर रही है। कांग्रेस पाटी ने मुरैना विधानसभा के प्रबल प्रत्याशी जसवीर गुर्जर का टिकट काटने के बाद, उनकी नाराजगी खत्म करने के लिए उन्हें महामंत्री पद देकर साधने की कोशिश की है। अब, अगला नंबर इसी विधानसभा के पूर्व विधायक राकेश मावई का हो सकता है।
बता दें, कि कांग्रेस पार्टी की दूसरी सूची ने उन प्रबल दावेदारों को बगावत करने पर मजबूर कर दिया है जो पहले से ही अपने आपको प्रत्याशी मान चुके थे। इसमें सुमावली विधायक अजब सिंह कुशवाह व मुरैना विधानसभा के दो प्रत्याशी राकेश मावई तथा जसवीर सिंह गुर्जर हैं। जसवीर गुर्जर को साधने के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को ही उन्हें पार्टी का महामंत्री पद देने का आदेश जारी कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें विधानसभा चुनाव में भांडेर(जिला दतिया) का चुनाव प्रभारी भी बनाया है।
अपना टिकट कटने के बाद कांग्रेस के मुरैना विधानसभा से विधायक राकेश मावई इतने दुरूखी हुए कि उन्होंने स्पष्ट बोल दिया है कि अब वे इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे और न ही उनके कार्यकर्ता करेंगे। उन्होंने बताया कि उनका टिकट पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपना वीटो पावर इस्तेमाल करते हुए काटा है। वे 10 वर्ष तक लगातार जिलाध्यक्ष रहे, कई बार पार्षद रहे, सिंधिया परिवार से पिछले 30 वर्षों के रिश्ते ठुकराकर कांग्रेस के साथ बने रहे तथा मुरैना विधानसभा से सीट निकालकर पार्टी की झोली में डाली, लेकिन पार्टी ने उनकी सारी कुर्बानियों व उपलब्धियों को दरकिनार करते हुए उस दिनेश गुर्जर को टिकट थमा दिया जिसकी वर्ष 2013 में पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ने के बाद जमानत तक जब्त हो गई थी। उन्होंने कहा कि वे कमलनाथ से पूछना चाहते हैं कि आखिर उनकी गलती क्या है? क्या यही गलती है कि उन्होंने पार्टी का सिर हमेशा ऊंचा रखा तथा किसी भी सूरत में उसका दामन नहीं छोड़ा। बताया जाता है कि कांग्रेस पार्टी अगर सत्ता में आती है तथा विधान परिषद बनती है तो अंसतुष्ट राकेश मावई को बड़ा पद देकर उनकी नाराजगी दूर कर सकती है, शायद यही वजह है कि अभी तक राकेश मावई ने पार्टी का दामन छोड़कर किसी दूसरी पार्टी का दामन नहीं थामा है।