शाजापुर। दानव तलवारें लहराते और डरावने अट्टाहस करते निकलें, जिन्हें देखकर कोई भयभीत हुआ तो कोई उनके सुर में सुर मिलाएगा। यही नहीं शहर में देवता भी नजर आएं जिनके बीच घमासान युद्ध हुआ। खास बात यह है कि इस युद्ध में खून नहीं बल्कि हंसी के फव्वारे छूटें जो शहरवासियों को आनंदित हो गए।
दरअसल शहर में बुधवार की रात को कंस दशमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। जिसमें शहर के कलाकार देव और दानवों के भेष में अपनी भूमिका का निर्वहन किया कंस वधोत्सव समिति संयोजक तुलसीराम भावसार ने बताया कि आयोजन की शुरूआत रात 8.30 बजे बालवीर हनुमान मंदिर से चल समारोह के रूप में हुई। जो कंस चौराहा, मगरिया, बस स्टैंड, गवली मोहल्ला पहुंचेगा जहां देवता और दानवों के बीच वाक्युद्ध हुआ। जिसमें दोनो ही वर्तमान परिप्रेक्ष्य को लेकर अपने-अपने मजेदार संवाद से लोगों का मनोरंजन किया। वाक्युद्ध के बाद चल समारोह आजाद चौक पहुंचा और यहां भी देवता और दानवों के बीच वाक्युद्ध हुआ। इसके बाद चल समारोह सोमवारिया बाजार पहुंचा और यहां भी देवता और दानव आपस में वाक्युद्ध हुआ। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण बने कलाकारों द्वारा कंस का वध किया और गवली समाज के युवाओं द्वारा कंस के पुतले को घसीटते हुए अपने साथ ले गए एवं वध किया। गौरतलब है कि यह पर्व मथुरा के बाद शाजापुर में ही मनाया जाता है।