मुरैना। श्योपुर लोकसभा क्षेत्र में अब चुनावी माहौल रंग जमा रहा है पूरा चुनाव अब त्रिकोणीय संघर्ष में दिखाई दे रहा है। भाजपा के शिवमंगल और कांग्रेस के सत्यपाल के साथ अब बसपा के रमेश गर्ग की एंट्री ने पूरे चुनाव को दिलचस्प बना रखा है तीनों ही प्रत्याशियों ने अपने नामांकन भी दाखिल कर दिए हैं लेकिन इन नामांकन फार्म में सबसे दिलचस्प बात बसपा प्रत्याशी रमेश गर्ग की है जहां अन्य प्रत्याशी अपने नामांकन के समय अपनी कमाई का सही से ब्यौरा नहीं दे पाते तो वही रमेश गर्ग ने अपनी कमाई से जुड़ा हुआ हर एक पहलू को जनता के सामने खोल रखा है रमेश गर्ग के की माने तो उन पर बैंकों के द्वारा अभी भी तीन अरब 46 करोड़ 53 लाख 77 हजार रुपए बकाया है यानी कि इस पूरे लोकसभा क्षेत्र में बसपा प्रत्याशी रमेश गर्ग सबसे ज्यादा अमीर और सबसे ज्यादा कर्जदार हैं और हो भी क्यों ना रमेश गर्ग राजनीति में आने से पहले एक बड़े व्यवसाय हुआ करते थे इंडोनेशिया सहित सिंगापुर और देश के तमाम राज्यों में इनकी तेल की फैक्ट्रियां थी लेकिन कई दशकों से नेताओं की हर तरह से मदद करने वाले रमेश गर्ग को इस बार राजनीति में आकर चुनाव लड़ जनता की सेवा करने का वादा कर रहे है।
बसपा प्रत्याशी रमेश गर्ग ने अपने ऊपर अरबो के कर्जे को लेकर कहा की मुझ पर अरबो का कर्जा है ये बात जग जाहिर है किसी से कोई बात छुपी हुई नहीं है कि हम पर कर्ज है हमारी कंपनी 2010 में खूब फैल रही थी देश ही नहीं विदेशों में भी हमारी कंपनी के प्लांट लग रहे थे 2010 में इनकम टैक्स के छापे बाद हमारी कंपनी का काम डिस्टर्ब हुआ जो अब तक नहीं संभाल पा रहा 10 साल से हमारी कंपनी बंद है अभी कुछ महीने पहले ही हमारी कंपनी का सेटलमेंट एक चेन्नई की कंपनी के साथ हुआ है और अब हमारे प्लांट शुरू हो रहे हैं हमने चुनाव में कोई बात छुपाई नहीं है यह सब को सबको मालूम है कि हमारा काम 10 साल से डिस्टर्ब है जिस कारण हम पर इतना कर्जा है अब हम द्वारा से कारोबार की शुरुआत कर रहे हैं जो भी हकीकत है वह हमने सब सामने की है।
वही इस मामले को लेकर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अरुण परमार का कहना है कि रमेश गर्ग जी पहले बीजेपी के ही कार्यकर्ता थे लेकिन अब बीजेपी से अलग होकर बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं यह शुद्ध व्यवसायी लोग हैं यह सिर्फ अपना फायदा देखते हैं यह जन सेवा के लिए नहीं आए हैं अगर उनको जन सेवा करनी होती तो जाने कब के राजनीति में आ गए होते, कई लोगों के साथ फ्रॉड किया है जो इन्होंने अपने ऊपर कर्जा दिखाया है उसमें ना जाने कितने छोटे व्यापारी होंगे इनका पैसा डूब गया जो उनके साथ जुड़कर काम करते थे वो छोटे व्यापारी पूरी तरह से खत्म हो गए और आज बोल भी नहीं पा रहे ना और न ही अपना धंधा चला पा रहे है रमेश गर्ग शुद्ध व्यवसायी है इनको जन सेवा से कोई मतलब नहीं है।
क्षेत्र के विकास की बात तो दूर इनका खुद का विकास रुक गया है। इनका काम में चौपट हो गए हैं इस कारण राजनीति में आ रहे हैं। लेकिन मुरैना की जनता सब जानती है ये कर्ज में डूबे हुए हैं ना उनके पास सब कुछ है राजनीति में आकर अपना फायदा देख रहे हैऔर यह क्षेत्र का विकास नहीं बल्कि अपने विकास के लिए राजनीति में आना चाह रहे हैं।