KHABAR : इंदौर कांग्रेस प्रत्याशी की नामवापसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका, याचिकाकर्ता ने कहा- सब्स्टीट्यूट कैंडिडेट है तो उसका नामांकन स्वीकार क्यों नहीं किया, पढे़ खबर

April 30, 2024, 1:46 pm




इंदौर। कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम के ऐनवक्त पर नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस मंगलवार को हाईकोर्ट पहुंच गई। पार्टी की ओर से डबल बैंच में याचिका दायर कर तत्काल सुनवाई की अपील की गई। हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया है। लंच के बाद इस पर सुनवाई होने की संभावना है। कांग्रेस नेता मोतीसिंह पटेल की ओर से दायर याचिका में कहा है कि कांग्रेस ने जो बी फॉर्म जारी किया था, उसमें अप्रूव्ड कैंडिडेंट में अक्षय बम का नाम था और उसी में सब्स्टीट्यूट कैंडिडेंट में मेरा नाम था। फॉर्म बी अक्षय की ओर से निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पेश किया था। इसी कारण से मेरा फॉर्म निरस्त कर दिया गया। अब जब अक्षय नामांकन वापस ले चुके हैं तो कांग्रेस के सब्स्टीट्यूट कैंडिडेंट के नाते मेरा फॉर्म मंजूर क्यों नहीं किया जा रहा है। अक्षय ने जो फॉर्म बी जमा किया, उसी को आधार बनाया मोतीसिंह ने मांग की है कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित किया जाएगा। अक्षय बम के नामांकन वापस लेने के बाद वे ही अधिकृत प्रत्याशी हैं। फॉर्म बी में कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि यदि अप्रूव कैंडिडेट नामांकन वापस ले लेता है या उसका फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है तो वैकल्पिक नाम को प्रत्याशी माना जाएगा। याचिका में इसी को आधार माना है। आखिरी दिन नाम वापस लिया और भाजपा जॉइन कर ली सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम (46) ने मैदान छोड़ दिया। तुरंत भाजपा भी जॉइन कर ली है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ अक्षय कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। वे भाजपा ही नहीं, बल्कि लोकल कांग्रेस की तरफ से भी प्रेशर का शिकार हो रहे थे। इसी कारण उन्होंने नामांकन वापस ले लिया। अक्षय के खिलाफ पूर्व विधायक संजय शुक्ला की ही तरह बीजेपी नेता प्रेशर गेम खेल रहे थे। कांग्रेस को खजुराहो दोहराए जाने का डर था खजुराहो की तरह नामांकन निरस्त होने का डर कांग्रेस को यहां भी था, लेकिन उसने यह नहीं सोचा था कि सूरत की तरह नामवापसी ही हो जाएगी। यही कारण है कि कांग्रेस ने डमी प्रत्याशी मोतीसिंह पटेल से कांग्रेस की ओर से डमी फॉर्म भरवाया। कांग्रेस का अधिकृत पत्र अक्षय बम के पास होने से मोतीसिंह का फॉर्म स्क्रूटनी में रिजेक्ट हो गया था। बम की नामवापसी होते ही भाजपा ने ऑपरेशन सूरत-2 पर काम शुरू कर दिया। प्लान था कि गुजरात की सूरत लोकसभा सीट की तरह बचे हुए उम्मीदवारों के नामांकन वापस कराकर इंदौर में निर्विरोध जीत हासिल की जाए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में दोपहर 3 बजे तक माथापच्ची चलती रही, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। 23 में से 9 ही उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए। अब इंदौर लोकसभा सीट पर भाजपा के शंकर लालवानी समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। पटवारी बोले- अक्षय को धमकाया, यातना दी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, श्इंदौर में लोकतंत्र का चीर हरण हुआ है। भाजपा खास तौर पर नरेंद्र मोदी के राज में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इससे पहले बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाएं होती थीं लेकिन अब तो प्रत्याशियों का कैप्चरिंग, उनका हरण हो रहा है। इंदौर शहर के हित में जो निर्णय होगा, कल शाम तक आपको बताएंगे। कांग्रेस लोकतंत्र को और जनता को जिंदा रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करेगी।

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