चित्तौड़गढ़। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), चित्तौड़गढ़ ओमी पुरोहित के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश भानु कुमार द्वारा जिला कारागृह, चित्तौड़गढ का निरीक्षण किया गया। जिला कारागृह में निर्मित बैरकों, रसोईघर, स्नानघर एवं शौचालयों का निरीक्षण किया गया। बैरकों में लाइट एवं पंखों की व्यवस्था का निरीक्षण किया गया जो समुचित पाई गई। बंदियों को दिए जाने वाले पेयजल एवं खान-पान की वस्तुओं को चखकर जांचा व परखा गया जो नियमानुसार सही पाई गईं। बैरकों में महिला व पुरुष बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में उनसे वार्ता की गई। कारागृह में स्थित महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया। महिलाओं से उनको दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई, जिसे समुचित पाया गया।
निरीक्षण के दौरान जेल परिसर में बंदियों की परेड करवाई जाकर प्रत्येक बंदी से जेल सुविधाओं व उनके लंबित प्रकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई, जेल में बंदीयों को उपलब्ध कराई जाने वाली पुस्तकों का अवलोकन किया तथा बंदियों को अच्छी व प्रेरणा दायक पुस्तके पढने हेतु प्रेरित किया तथा साक्षर बंदियों को निरक्षर बंदियों को पढाने हेतु भी प्रेरित किया तथा अन्य समस्यों के निराकरण हेतु जेल अधीक्षक को मौके पर ही आदेशित किया गया। साथ ही बंदियों को निःशुल्क विधिक सहायता के बारे में भी बताया गया। कारापाल योगेश कुमार तेजी द्वारा बताया गया कि प्रतिदिन सुविधानुसार बंदियों के परिजनों से उनकी बात करवाई जाती है। जिला कारागृह की कुल क्षमता 338 बंदियों की है किन्तु वर्तमान में क्षमता से अधिक बंदी पाये गये। क्षमता से अधिक बंदी होने से उच्चाधिकारियों से बात कर बंदियों को अन्य जेल में भेजे जाने के निर्देश दिए गए।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणए जयपुर द्वारा दिए गए बालगृहों का निरीक्षण करने के आदेशों की पालना में जिला एवं सेशन न्यायाधीश ओमी पुरोहित के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला एंवं सेशन न्यायाधीश भानु कुमार द्वारा राजकीय किशोर एवं सम्प्रेक्षण गृह का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान विधि से संघर्षरत 05 बालक पाया गया तथा देखभाल व संरक्षण की आवश्यकता वाले कुल 03 बालक पाये गए तथा शिशुगृह में एक शिशु पाया गया।
निरीक्षण के दौरान राजकीय किशोर एवं सम्प्रेषण गृह में बालकों से वहां की व्यवस्थाओं एवं दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी ली गई। खाना साफ.सफाई आदि व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। संप्रेक्षण गृह में सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के उच्च कोटि के मानदण्ड अपनाये जाने के लिए वहां के अधिकारियों को निर्देशित किया गया। वहां मौजूद बच्चों को अच्छे साहित्य की पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित भी किया गया।
निरीक्षण के दौरान, छात्रावास अधीक्षक चन्द्र प्रकाश जीनगर व किशोर न्याय बोर्ड की प्रिसींपल मजिस्टेट रजनी कुमावत, किशोर न्याय बोर्ड सदस्य अरूणा राठौड़, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल व सदस्या मंजु जैन उपस्थित थे।