चित्तौड़गढ़। स्थिर मन के स्वस्थ शरीर होना मुश्किल है। बाहरी लाइफ स्टाइल के साथ सोचने का तरीका भी बदलना होगा। यह विचार ब्रह्माकुमारी प्रताप नगर सेवा केंद्र पर राजयोगिनी आशा दीदी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मन की स्थिति का असर शरीर पर पड़ता है। हमने बाहरी लाइफ स्टाइल तो अच्छी कर ली, लेकिन हमें मन के सोचने का तरीका भी बदलना होगा। क्योंकि स्वस्थ शरीर बिना स्थिर मन के मुश्किल है जब हम चिंता करते हैं जब हम दुखी होते हैं तो हमारा शरीर भी सुन रहा है फिर शरीर उसी समय बीमार नहीं होता थोड़े टाइम बाद बीमार होता है। लेकिन समय के साथ हमारे मन में जो ब्लॉकेज होते जाते हैं। वहीं ब्लॉकेज हमारे शरीर में भी होते जाते हैं फिर उसका इलाज हम केवल शरीर का करते हैं। अगर उस इलाज को केवल शरीर पर करेंगे सोच को नहीं बदलेंगे तो कुछ समय बाद वह बीमारी फिर से आ जाती है। पल की बीमारी शरीर में शुरू नहीं होती बीमारी शरीर में आने के बाद दिखाई देती है तो हमारे जीवन का उद्देश्य कि हम सबको दुआएं दे दिल से दे और जहां मन को जाने की जरूरत नहीं है वहां उसे ना जाने दे। अगर वह बार-बार जंप करता रहेगा तो उसकी स्थिरता और शक्ति खत्म होगी। दीदी ने बताया जो हमारे साथ गलत बुरा व्यवहार करते हैं उनको उतनी ही ज्यादा दुआएं देनी है। क्योंकि जो बहुत कमजोर है उसको इतने ही ज्यादा सहारे की आवश्यकता होती है।
दीदी ने बताया कि मन की बीमारी को ठीक करने के लिए ज्ञान खुराक काम करता है और मेडिटेशन एक्सरसाइज है। जब हम प्रतिदिन ईश्वरी ज्ञान को जीवन में धारण करते हैं एवं परमपिता परमात्मा द्वारा सिखाए जा रहे मैडिटेशन का प्रतिदिन अभ्यास करते हैं तो मन सहज ही स्वस्थ हो जाता है और मन स्वस्थ होने से तन भी हमारा स्वस्थ हो जाता है। इसके पश्चात दीदी ने बताया कि अभी गुडी पाडवा का जो पर्व नव वर्ष के रूप में मनाते हैं तो इसमें सभी मिलकर विशेष उस दिन रैली का आयोजन किया गया है। जिसमें चौतन्य शंकर पार्वती और गणेश की झांकी सजाई जाएगी और चित्तौड़ भ्रमण किया जाएगा। इसी के साथ सभी को यह संदेश देंगे कि बहुत ही जल्द इस नव वर्ष की तरह नवयुग जहां सब नया ही नया होगा खुशियां ही खुशियां होगी सुख होगा शांति होगी। भारत वसुधैव कुटुंबकम कहलाएगा वह समय बहुत ही जल्द आने वाला है धरा पर इस भारत भूमि पर परमात्माष्का कार्य चल रहा है जो बहुत ही जल्द समाप्ति की ओर है और फिर से हमारा भारत विश्व गुरु बनेगा। नर नारायण और नारी लक्ष्मी के रूप में इस भारत भूमि पर राज्य करेंगे।