सागर। संभागायुक्त डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत ने संभाग के समस्त कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान परिदृश्य में घटित हुई आगजनी की घटनाओं के संबंध में विशेष ध्यान देने योग्य तथ्य के संबंध में आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। डॉ. रावत ने कहा कि आगजानी की घटनाओं को रोकने हेतु, प्रत्येक सरकारी भवनों का इलेक्ट्रिक ऑडिट कराया जाना सुनिश्चित करें और आवश्यकतानुसार सुधार भी किया जाये। जिन भवनों में अग्नि - सुरक्षा संयंत्र स्थापित है, उनका मॉक- ड्रिल किया जाये। प्राइवेट भवनों में जहां फायर एनओसी जारी की गई है वहाँ सभी प्रकार के आवश्यक प्रोटोकॉल्स के पालन संबंधी निरीक्षण, संबंधित नगरीय निकाय / राजस्व अधिकारियों के माध्यम से कराया जाये। प्रायः यह देखने में आता है कि हस्तचालित अग्नि शामक यंत्र क्रियाशील नहीं होते हैं और उनके संचालन के संबंध में संबंधित कर्मचारियों को जानकारी नहीं होती है। ऐसे मामलों में एसडीआरएफ के माध्यम से कर्मचारियों का प्रशिक्षण भी कराया जाये ।
डॉ. रावत ने कहा कि कलेक्टर स्वयं अपने ज़िले के रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण कर अग्नि सुरक्षा संबंधी आवश्यक कार्यवाही संपन्न करें, अन्य रिकॉर्ड रूम के निरीक्षण हेतु संबंधित को निर्देशित करें। संभागायुक्त डॉ. रावत ने कहा कि समस्त बोर वेल (सरकारी/प्राइवेट) यदि उपयोग में नहीं हैं तो तत्काल बंद किए जायें। बंद इस प्रकार से किए जायें जिसे आसानी से खोला न जा सके। पूर्व में इस संबंध में निर्देशित किया गया था परंतु इसकी निरंतर मॉनिटरिंग किया जाना आवश्यक है ।
संभागायुक्त डॉ. रावत ने निर्देश दिये कि कई बार यह भी देखने में आता है कि कुँओं में जगत नहीं बनायी जाती है, जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। उन कुओं पर कम से कम 2.5 फीट की जगत पंचायत अथवा भूमि स्वामी के माध्यम से बनाया जाना सुनिश्चित करें। उपरोक्त सभी बिंदुओं के संबंध में पालन प्रतिवेदन 7 दिवस में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।
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