डेस्क। विधानसभा चुनाव 2023 जैसे जैसे नजदीक आते जा रहे है राजनीतिक पार्टियों के साथ प्रशासन भी तैयारियों में जुट गया है। संभवतः अक्टूबर महीने तक आदर्श आचार संहिता भी लग सकती है। इसी के तहत निर्वाचन आयोग भी चुनाव को लेकर अब पूरी तरह तैयार है। चुनाव आयोग ने मप्र कैडर के आईपीएस अफसर व एडीजी साइबर क्राइम योगेश देशमुख को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश का नोडल अफसर बनाया हैं।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आदेश में देशमुख को निर्वाचन व्यय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चुनाव में व्यय से संबंधित होने वाली किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट वे चुनाव आयोग को देंगे। मप्र में चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के साथ उनका काम शुरू हो जाएगा। चुनाव के दौरान प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों की ओर से किए जाने वाले अवैधानिक खर्च से संबंधित पूरी जिम्मेदारी देशमुख के पास होगी। चुनाव से पहले प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों द्वारा बांटी जाने वाली राशि, शराब और अन्य अवैधानिक गतिविधि की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। इसके लिए जिलों से लेकर राज्य स्तर तक की पूरी नाकेबंदी, चेकिंग और तमाम अवैधानिक गतिविधियों का काम देशमुख देखेंगे।
योगेश देशमुख साल 1995 बैच के आईपीएस अफसर हैं। बता दें कि मूलतः वे अमरावती के रहने वाले हैं। उनकी शिक्षा की बात की जाए तो देशमुख बीएससी, एलएलबी हैं। प्रदेश के नीमच, सीहोर, भिंड, और खंडवा में योगेश देशमुख बतौर एसपी कार्य कर चुके हैं। इसके बाद देशमुख बतौर एडीजी उज्जैन और इंदौर रहे। उन्होंने चंबल आईजी के रूप में कार्य किया है। योगेश साल 2010 में डेपुटेशन पर चले गए थे और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, रेलवे विजिलेंस एवं संसद सुरक्षा के ज्वाइंट सेक्रेटरी के रूप में भी उन्होंने कार्य किया है।
योगेश देशमुख अपने तेज़ तर्रार स्वभाव के लिए जाने जाते है। देशमुख लॉ एंड आर्डर के लिए काफी कड़क अफसर माने जाते है। ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा दी गई इस महत्वपूर्ण जवाबदारी को लेकर एमपी बार विधानसभा चुनाव में काफी सख्ती नजर आएगी।