नीमच। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा नीमच में संचालित पोस्ट मैट्रिक छात्रावास लगातार देश के भविष्य युवा छात्रों को भोजन में कीड़े खिलाने को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। लेकिन यहां पर काबिज जिम्मेदार छात्रावास अधीक्षक रमेश पंवार और जिला संयोजक राकेश कुमार का बाल भी बांका नहीं हो पा रहा है। भोजन के नाम पर छात्रों का जीवन दांव पर लगा हुआ है। लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
शासकीय अनुसूचित जाति बालक महाविद्यालय के छात्रावास में पहली अगस्त को शाम के भोजन में कीड़े निकले। इससे पहले 4 अप्रैल को भी खाने के दौरान दाल में कीड़े पाए गए थे। लगातार घट रही इन घटनाओं से पीड़ित छात्रों ने भूखे पेट रहकर विरोध प्रदर्शन करते हुए अंबेडकर सर्कल से कलेक्टर कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला। रमेश पंवार इस्तीफा दो, राकेश कुमार इस्तीफा दो, कीड़े खिलाना बंद करो के नारे लगाए। कलेक्टर कार्यालय पर धरना देकर ज्ञापन भी दिया। छात्रों ने कहा कि वे छात्रावास में कीड़े खाने के साथ-साथ नारकीय जीवन जीने को अभिशप्त है। असुविधाओं के दलदल में अशुद्ध पानी, गंदगी, बेतहाशा मच्छर, जहरीले जानवर, जगह जगह फैली गाजर घास और कई अव्यवस्थाओं के बीच अपनी स्टूडेंट लाइफ सरकार द्वारा दी गई सुविधाओं के बीच बसर कर रहे है। पता नहीं जिम्मेदार कब छात्रों पर कृपा दृष्टि करेंगे। कीड़े खिलाने वालों को सजा देंगे।
सौंपे गए ज्ञापन में छात्रों ने कई लापरवाही के आरोप लगाए है। छात्रों का कहना है की छात्रावास परिसर की सफाई भी सही समय पर नहीं होती है। परिसर में कई जगह बड़ी बड़ी गाजरघास उग गई है। परिसर में मच्छरों की भरमार है। पानी की टंकी सफाई भी चार महीने पहले हुई थी। उसके बाद इसकी किसी ने सुध नहीं ली। इसी पानी से खाने के बर्तन धोते है साथ ही इसी पानी को नहाने के लिए उपयोग किया जाता है। बहुत सारे कमरों में खिड़कियों में जालियां नहीं है जिसके कारण जहरीले जानवरों का भय हर समय बना रहता है। शिष्यावृति की 10 प्रतिशत की राशि छात्रों के बैंक में चेक द्वारा डाली जाती हैं और उस पर अधीक्षक और छात्रावास के वर्तमान अध्यक्ष के हस्ताक्षर होते हैं लेकिन अधीक्षक ने पुराने छात्रावास के अध्यक्ष के हस्ताक्षर करवा लिए थे इसके लिए सभी चेक की फोटो कॉपी की जांच की जाए। चेक दो किश्तों में दिये गए थे दूसरे नंबर (जनवरी से अप्रैल) की किश्त की जांच कराई जाए।